Mirchi Baba: नेताओं और अपराधियों के बीच साठगांठ कोई नई बात नहीं है। सच तो यह है कि अपराधी कानून से बचने के लिए राजनीति में आते हैं। शायद यही वजह है कि राजनीति में दागी और अपराधी चेहरों की भरमार है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सपा में मचे घमासान के अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे (Mirchi Baba alias Rakesh Dubey) से मुलाकात की है। (Mirchi Baba alias Rakesh Dubey) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे के साथ अपनी तस्वीर शेयर करके मप्र विधानसभा में एक विशेष सीट से चुनाव लड़ने के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस ट्वीट के बात सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

मिर्ची बाबा किस विशेष सीट से ताल ठोकेंगे इसकी कयासबाजी तेज हो गई है। कुछ लोगों का मानना है कांग्रेस से मिले झटके का जवाब देने के लिए अखिलेश यादव कमलनाथ के खिलाफ मिर्ची बाबा को चुनाव लड़ा सकते हैं। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है मिर्ची बाबा शिवराज के खिलाफ ताल ठोकेंगे। बता दें कि मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे महिला से दुष्कर्म के आरोप में जेल का सफर कर चुके हैं। अखिलेश यादव और मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे की मुलाकात जंगल में आग की तरह फैल चुकी है। हालांकि इस पूरे मामले पर मिर्ची बाबा की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।

कौन हैं मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे

गौरतलब है कि मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे मध्य प्रदेश के भिंड जिले के बिरखड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद है और चार भाइयों में वह तीसरे नंबर पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिर्ची बाबा के पिता मालनपुर के मंदिर में पुजारी थे। चर्चाओं में आने से पहले राकेश दुबे 1997 तक वह एक ऑयल मिल में मजदूरी करते थे। यहां उनका मन नहीं लगा तो गांव की 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीद लिया। उसमें भी सफल नहीं हुए, तो ट्रक भी बेच दिया। इसके बाद वह मध्य प्रदेश छोड़कर गुजरात चले गए। वहां अहमदाबाद के एक प्राइवेट मिल में कुछ दिनों काम किया। यहीं से उनका भाग्य बदल गया। उन्हें किसी साधु की संगत मिली और राकेश दुबे ने संन्यास ग्रहण कर लिया। इस तरह से राकेश दुबे अब वैराग्यनंद गिरी हो गए।

ऐसे पड़ा मिर्ची बाबा नाम

स्वामी वैराग्यनंद गिरी की धीरे-धीरे ख्याति बढ़ने। स्वामी वैराग्यनंद गिरी अपने भक्तों को मिर्ची की धुनी देते थे, जिसके चलते उनके भक्तों ने उनका नया नामकरण मिर्ची बाबा कर दिया। धीरे-धीरे लोग उन्हें मिर्ची बाबा के नाम से जानने लगे। इसके बाद वह व्यासपीठ पर बैठकर भागवत कथा भी करने लगे। ख्याति की वजह से लोग उन्हें कथा सुनाने के लिए बुलाते थे। इसी बीच कांग्रेस नेताओं से उनकी नजदीकियां बढ़ने लगी। देखते ही देखते वह पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के संपर्क में आ गए। दिग्विजय सिंह की मिर्ची बाबा पर विशेष कृपा हुई और उन्हें राजधानी की मिनाल रेजीडेंसी में बंगला दिला दिया। बाबा का नया पता राजधानी भोपाल में हो गया। बाबा का वर्चस्व ऐसा बना कि 2018 में जब उनके पिता का निधन हुआ तो करीब 20 हजार लोगों को त्रयोदशी संस्कार में प्रसाद की व्यवस्था की। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कई मंत्री और विधायकों के इस भोज में शामिल हुए।

कांग्रेस सरकार में मिला राज्य मंत्री का दर्जा

बाबा के सामने तत्कालीन कांग्रेस सरकार नतमस्तक हो गई। वर्ष 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में मिर्ची बाबा को निगम का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह को लेकर भविष्यवाणी करके वह एक बार फिर चर्चा में आ गए। दिग्विजय सिंह भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इस पर मिर्ची बाबा ने दावा किया कि अगर दिग्विजय सिंह चुनाव हारते हैं, तो वह जल समाधि ले लेंगे। संयोग से दिग्विजय चुनाव हार गए और मिर्ची बाबा को अपने दावे से मुकरना पड़ गया। हालांकि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अब वह खुद चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

इसे भी पढ़ें: आदेश के बाद भी शाइस्ता परवीन की संपत्तियों की नहीं हो रही कुर्की, जानें क्या है वजह

महिला से दुष्कर्म के आरोप में गए थे जेल

मिची बाबा का विवादों से भी नाता रहा है। गत वर्ष एक महिला ने भोपाल के महिला थाने में मिर्ची बाबा पर अपने साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगात हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था कि मिर्ची बाबा ने झांसे में लेकर अपने आश्रम में उसके साथ रेप किया था। महिला निसंतान थी और वह बाबा के झांसे में आ गई। इसके बाद मिर्ची बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि मिर्ची बाबा महिला के आरोप का झूठा बताते हुए इसे राजनीतिक कार्रवाई बताया था।

इसे भी पढ़ें: आज दशहरा पर्व है

Spread the news