Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की दहाड़ सुनाई दी है। लगभग 12 साल से सत्ता से दूर बसपा की मुखिया मायावती ने, पूरे 9 साल बाद, राजधानी लखनऊ स्थित मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल से आगामी 2027 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है।

संस्थापक मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर दलित समाज के लाखों लोग अपनी नेता को सुनने के लिए जुटे। इस रिकॉर्डतोड़ भीड़ से उत्साहित बसपा सुप्रीमो ने यह साफ कर दिया कि उनकी पार्टी यूपी में अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी।

कार्यकर्ताओं ने खुद के पैसों से भरा मैदान

भीड़ देखकर गदगद हुई मायावती ने कहा कि इस बार कार्यकर्ताओं की भीड़ ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह भीड़ किसी अन्य पार्टी की तरह पैसे देकर नहीं बुलाई गई है, बल्कि लोग अपनी खून-पसीने की कमाई खर्च करके यहाँ पहुँचे हैं, जो उनकी पार्टी के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है।

योगी सरकार की तारीफ, सपा पर तीखा हमला

मायावती ने अपने संबोधन में एक तरफ जहाँ उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार की प्रशंसा की, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार द्वारा स्मारकों के रखरखाव के लिए टिकट से होने वाली आय को पिछली सपा सरकार ने दबा लिया था, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उसी पैसे को कांशीराम स्मारक स्थल की जर्जर हालत सुधारने में लगाया है।

अखिलेश यादव पर प्रहार: मायावती ने अखिलेश यादव के ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को फर्जी करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि अगर अखिलेश को मान्यवर कांशीराम से इतना ही लगाव था, तो 2012 में सत्ता में आते ही उनकी सरकार ने कांशीराम के नाम पर बने कासगंज जिले का नाम क्यों बदल दिया था? उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने दलित महापुरुषों का न कभी नाम लिया, न उनके नाम पर कोई योजना बनाई, बल्कि बसपा की कई दलित-पिछड़ा हितैषी योजनाओं को बंद कर दिया।

2027 का नारा, बसपा अकेले मैदान में

सर्व जन के सम्मान में मायावती मैदान में के नारों के बीच बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वह राज्य में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाए की सोच वाली सरकार बनाएंगी, जिससे लोगों को रोजी-रोटी के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बसपा 2027 में अकेले चुनाव लड़ेगी। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा, गठबंधन करने पर बसपा का वोट सहयोगी दलों को मिल जाता है, जबकि बसपा को उनका वोट नहीं मिलता है। बसपा ने यूपी में जब भी गठबंधन की सरकार बनाई, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और पहले ही गिर गई।

इसे भी पढ़ें: प्रियंका चोपड़ा बोलीं- आपकी क्रिएटिविटी का शुक्रिया

संविधान और आरक्षण पर विपक्ष को घेरा

उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जिन्होंने देश में इमरजेंसी लगाकर संविधान का अपमान किया, वे आज हाथ में संविधान की कॉपी लेकर नाटकबाजी कर रहे हैं। उन्होंने सपा, कांग्रेस और भाजपा पर पदोन्नति में आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा ने तो सदन में इससे जुड़ा बिल तक फाड़ दिया था। उन्होंने ईवीएम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इन दलों ने बसपा को सत्ता से दूर रखने के लिए षड्यंत्र किया है, जबकि बैलेट पेपर से चुनाव हो सकते हैं। इस दौरान मायावती ने समर्थकों से अपने भतीजे आकाश आनंद का समर्थन करने की अपील की, जो उनके दिशा-निर्देशन में पार्टी का जनाधार बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: राष्ट्रभक्ति जगाती रहेगी संघ की सक्रियता व जीवंतता

Spread the news