हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व 14 जनवरी को पड़ेगा। धर्म कर्म की दृष्टि से यह पर्व विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं और इसी परिवर्तन को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन दान पुण्य करने का कई गुना फल मिलता है। आइये जानते हैं मकर संक्राति का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
इस समय सूर्य धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। 14 जनवरी को सूर्य राशि परिवर्तित कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस परिवर्तन को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) कहा जाता है। इस दिन सूर्य की उपासना की जाती है। मकर संक्राति पौष माह का प्रमुख पर्व माना जाता है। इस दिन से माघ महीना प्रारंभ होता है। इस वर्ष मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर पूजा पाठ, स्नान और दान के लिए सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 तक पुण्य काल रहेगा। मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। जो कि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता हैं, लेकिन अगर नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डाल कर स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन सूर्य देव समेत सभी नव ग्रहों की पूजा करें। इसके बाद जरूरतमंदों को दान दें। इस पर्व पर खिचड़ी का सेवन करना भी उत्तम माना गया है इसलिए इस पर्व को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान भी किया जाता है।