Acharya Vishnu Hari Saraswati
आचार्य श्रीहरि

Love Jihad: यूरोप-अमेरिका में ग्रूमिंग गैंग की करतूत, वहशी कारनामें, लव जिहाद, अपराध और माफियागिरी क्यों चलती? न्याय के लिए जानी जाने वाली ब्रिटेन की पुलिस ग्रुमिंग गैंग के खिलाफ उदासीनता क्यों बरती। ब्रिटेन सहित शेष यूरोप की न्याय व्यवस्था ने ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ क्यों नहीं संज्ञान लिया? राजनीतिक व्यवस्था भी क्यों उदासीनता के घेरे में कैद रही? मानवाधिकार संगठनों की इस मुद्दे पर सक्रियता क्यों नहीं रही? मानवाधिकार संगठन इस पर कोई गंभीर और सच आधारित रिपोर्ट जारी करने और लोगों का ध्यान खींचने के लिए प्रेरित क्यों नहीं हुए?

पुलिस ग्रुमिंग गैंग को सजा दिलाने और जेल भेजवाने की जगह पीड़ित परिजनों को ही जेल में डालने जैसी करतूतों को क्यों अंजाम देती रही? दुनिया भर में सबसे अधिक संवेदनशील मानने वाला यूरोप का गोरी समुदाय ग्रूमिंग गैंग के वहशी करतूतों के प्रति कोई आंदोलनात्मक कार्रवाई करने से बचती क्यों रही? क्या गोरी समुदाय भी बद समुदाय है, जागरूकहीन समुदाय है, असंवेदनशील समुदाय है जो अपनी लड़कियों के साथ हुए वहशीपूर्ण करतूतों पर जागरूक नहीं होता है और न ही अपराधियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर होता है।

कहानियां जो सामने आयी है उसके अनुसार ब्रिटेन सहित पूरे यूरोप की लाखों गोरी लड़कियों के साथ लव जिहाद हुआ। वहशीपूर्ण घटनाएं हुईं और दुष्कर्म हुए हैं। इक्के-दुक्के विरोध करने वालों को ही जेल में डालने जैसी करतूतें भी हुई हैं। मुसलमानों का लव जिहाद तो भारत में ही सुना जाता था और मुस्लिम लव जिहाद का शिकार भारत ही था पर अब मुस्लिम लव जिहाद ब्रिटेन, शेष यूरोप और अमेरिका में भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

Love Jihad

सोशल मीडिया हस्ती और दुनिया के मशहूर व्यापारी एलन मस्क और प्रसिद्ध पुस्तकें हैरी पॉटर लिखने वाले जैके रॉलिंग को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। जिनके प्रयास और संज्ञान से अब ग्रूमिंग गैंग के लव जिहाद से पीड़ित लड़कियां और परिवार सामने आने लगे हैं। एलन मस्क और जेके रॉलिंग जैसी दुनिया की हस्तियों ने ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला होता और अभियान नहीं चलाया होता तो फिर ब्रिटेन और शेष यूरोप की गोरी लड़कियों का उत्पीड़न, शोषण और अत्याचार की भीषण कहानियां सामने आती ही नहीं और न ही ग्रूमिंग गैंग की काली सच्चाई सामने आती?

गोरी लडकियों के खिलाफ भयानक लव जिहाद का आतंक जान कर सभ्य समाज को रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह भी सोचने के लिए विवश होना पड़ता है कि इस आधुनिक युग में भी इस तरह दरिंदे और भेड़िये इस समाज में रहते हैं? अब ग्रूमिंग गैंग की काली करतूतों के खिलाफ ब्रिटेन और शेष यूरोप में जनमत बन रहा है और ग्रूमिंग गैंग पर कार्रवाई करने के लिए दबाव भी बन रहा है। पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और सोशल मीडिया के दबावों के कारण तत्कालीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था और टास्क फोर्स को व्यापक अधिकार दिये थे। टास्क फोर्स ने 550 से अधिक ग्रूमिंग गैंग के जिहादियों को पकड़ कर हथकड़ी पहनायी थी। टास्क फोर्स की कार्रवाइयों के डर से अधिकतर मुस्लिम जिहादी ब्रिटेन छोड़ कर अपने मुस्लिम देश भाग खड़े हुए हैं। फिर भी यह कार्रवाई व्यापक और सबककारी नहीं है। क्योंकि पूरी मुस्लिम आबादी ही ग्रूमिंग गैंग का समर्थक है।

जेके रॉलिंग बहुत सही और सबककारी प्रश्न उठाए हैं। उनकी मांग है कि कार्रवाई सिर्फ ग्रुमिंग गैंग के खिलाफ नहीं होनी चाहिए। बल्कि कार्रवाई तो पुलिस और प्रशासनिक तथा न्याय व्यवस्था के खिलाफ होनी चाहिए, इनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। जिम्मेदारी से भागने और उल्टे पीड़ित परिवार को ही खलनायक बना देना, उनके मानवाधिकार का हनन कर देना, पीड़ित परिजनों को ही जेलों में डाल देना आदि अराजक कार्रवाईयां तो जंगलराज का प्रतीक है। खासकर ब्रिटेन में ऐसे सैकडों उदाहरण है जिसमें ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग के लिए गये पीड़ितों को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने न केवल अपमानित किया बल्कि उल्टे उन्हें ही कार्रवाई का शिकार बना दिया।

यूरोप और अमेरिका में रॉदरहैम बाल शोषण कांड की रिपोर्ट चर्चा में हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामिक कट्टरपंथियों और लव जिहादियों ने छोटी-छोटी बच्चियों का खतरनाक और भयानक यौन शोषण किया है। जिनकी कहानियां सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं। जब पीड़ित बच्चियों के अभिभावक पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट लिखवाने गये तो फिर उनसे अभद्रता हुई। एक पन्द्रह साल की लड़की अपने बयान में कहती है कि वह कट्टरपंथी बशरत हुसैन के साथ संबंध में थी। बशरत हुसैन ने उस पर भयानक व्यवहार किया। हमले का शिकार बना दिया और इस्लाम कबूल नहीं करने पर भयानक हिंसा का शिकार बनाया।

एक पीड़िता के पिता सोशल मीडिया में अपने बयान में कहते हैं कि उनकी बेटी के साथ भयानक दुराचार हुआ। बच्ची की सर्जरी करानी पड़ी फिर भी पुलिस कहती है कि इस घटना से तुम्हारी बेटी को सबक मिलेगा। एक अन्य मामले में पुलिस ने लापता लड़की के पिता से कहती है कि बॉयफ्रेंड बनाना छोटी लड़कियों का फैशन बन गया है। आज या कल तुम्हारी बेटी घर वापस लौट ही जायेगी, जाओ और चैन की नींद लो। एक वायरल वीडियो में एक पीड़ित पिता कहते हैं कि इस्लामी कट्टरपंथी ने मेरी बेटी को छिपा रखा था। खोजते-खोजते मैं जब उस जगह पर गया और पुलिस को कॉल किया तो फिर पुलिस मुझे ही गिरफ्तार कर जेल भेज दी और कही कि तुम यहां कैसे पहुंचे?

ग्रूमिंग गैग कौन है? इसकी करतूत क्या है? ग्रूमिंग गैग इस्लामिक लव जिहादियों का एक संगठन है जो अमेरिका और यूरोप में सक्रिय है और खतरनाक तौर पर काफिर लड़कियों को शिकार बनाता है। छोटी-छोटी उम्र की गोरी लड़कियों और गैर मुस्लिम लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं। फिर उनका शोषण करते हैं, अप्राकृतिक दुष्कर्म करते हैं। उनकी तस्करी करते हैं। हिंसक उत्पीडन करते हैं। ग्रूमिंग गैंग में अधिकतर पाकिस्तान और बांग्लादेशी मुसलमान हैं। इनकी सोच कितनी खतरनाक है और अमानवीय है, यह जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे।

ग्रूमिंग गैंग के वहशियों का कहना है कि गोरी लडकियां कचरा हैं, वेश्या हैं और इसका उपयोग रखैल और वेश्या के रूप में कर सकते हैं। इनकी तस्करी कर जीवकापार्जन भी कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह गैंग अपनी पहचान का दूसरा रूप देने का षडयंत्र भी करता है। ये गैंग शुद्ध रूप से इस्लामिक है और इसमें शामिल सभी शैतान मुस्लिम हैं। फिर भी यह गैंग अपने आप को एशियाई समूह कहता है। ऐशियाई समूह के तौर पर अपनी पहचान की कोशिश करने से दूसरे समुदाय के लोग भी घृणा का पात्र बन जाते हैं। ब्रिटेन और शेष यूरोप में हिन्दू, बौ़द्ध और सिख भी रहते हैं। गोरी आबादी, हिन्दू, बौद्ध और सिख धर्म से जुड़े लोगों को भी ग्रूमिंग गैग मान कर घृणा और प्रतिकार का कदम उठाती हैं। इसलिए जिहादी मुसलमानों की करतूतो का खामियाजा हिन्दू, बौद्ध और सिख समुदाय के लोग भी उठाते हैं।

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गोरी आबादी को आत्मचिंतन करना होगा। उन्हें अपने आत्मघाती शासकों की करतूतों से सबक लेना होगा। सिर्फ इस्लाम के मानने वाले ही हैं जो यूरोप और अमेरिका में जाकर उनकी राष्ट्रीय अस्मिता की कब्र खोदते हैं। ईसाइयों के धर्म का संहार करने का अभियान चलाते हैं और अधिक बच्चे पैदा कर लोकतंत्र को अपना गुलाम बनाने की कोशिश करते हैं। इस बात को ईसाई आबादी अब धीरे-धीरे समझ रही है। एक समय यूरोप और अमेरिका के शासकों ने अपनी श्रम समस्या के समाधान के लिए मुस्लिम आबादी का स्वागत किया और आमंत्रण दिया।

मानवाधिकार के नाम पर मुस्लिम शरणार्थियों को शरण दिया। मुस्लिम आबादी इस प्रसंग पर भस्मासुर होती है। भस्मासुर तो शरण देने वाले और सहायता देने वालों का ही संहार करती है। अब मुस्लिम आबादी यूरोप और अमेरिका में लव जिहाद ही नहीं बल्कि अधिक बच्चे पैदा कर लोकतंत्र का संहार करने का भी काम कर रहे हैं। इसलिए ईसाई आबादी को और भी सतर्क और जागरूक होना चाहिए। ग्रूमिंग गैंग के लिए सबककारी सजा सुनिश्चित तो होनी ही चाहिए।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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