Land For Job Scam: पाला बदलने में माहिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिक्रेट मीटिंग को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। हालांकि वह पीएम मोदी की विजय यात्रा को रोकने के लिए लंबे समय से राज्यों का दौरा कर मुख्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर महागठबंधन बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र के राजनीति घटनाक्रम के बाद अन्य राज्यों में विपक्षी दलों के नेताओं में फूट देखने को मिलने लगी है। जबकि महागठबंधन में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अपना अलग ही राग है। उन्होंने साफ कर दिया है कि कांग्रेस जहां रहेगी, वह वो शामिल नहीं होंगे। वहीं जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में तेजस्वी यादव को आरोपी बनाए जाने के बाद बिहार की राजनीति में भी परिवर्तन के आसार नजर आने लगे हैं।
राजनीति में ‘पल्टूराम’ के नाम से पहचान रखने वाले नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदने की कयासबाजी शुरू हो गई है। वहीं बिहार के कद्दावर नेताओं की बयानबाजी भी तेज हो गई है। इन सबको देखकर यह माना जा रहा है कि चुनाव से पहले बिहार में बड़ा राजनीतिक भूचाल आने वाला है। क्योंकि विपक्षी दलों के दिग्गज नेताओं को भी इस बात का भान है, कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन करने के बावजूद भी नरेंद्र मोदी की फिर से सरकार बनने से रोका नहीं जा सकता। ऐसे में जब चुनाव से ठीक पहले लालू प्रसाद यादव का कुनबा सीबीआई के राडार पर आ गया है। बता दें कि बिहार में पिछले 48 घंटे में तीन बड़े घटनाक्रम हुए हैं। इसमें एक सीक्रेट मीटिंग भी शामिल है। इस मीटिंग के बाद से ही नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर सवाल उठने लगे हैं। चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से 2017 वाला कदम उठा सकते हैं।
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी बने आरोपी
लालू प्रसाद यादव के पिरवार के घोटाले अब उनके कुनबे के लिए मुसीबत बनती जा रही है। सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट के बाद जहां लालू कुनबे की बेचैनी बढ़ गई है, वहीं क्राइम, करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाले नीतीश कुमार के दावों की हवा निकल गई है।
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नीतीश की हरिवंश के साथ हुई सीक्रेट मीटिंग
3 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के बीच हुई सिक्रेट मीटिंग से कई सवाल उठने लगे हैं। बिहार की राजनीति को लेकर कई तरह की अटकलेबाजी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपसभापति हरिवंश के बीच करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। गौरतलब है कि हरिवंश को बीजेपी का काफी करीबी माना जाता है। ऐसे में कयासबाजी तेज हो गई है क्या नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने की फिराक में हैं। हालांकि जेडीयू की तरफ से नीतीश कुमार के एक बार फिर बीजेपी के साथ जाने से इनकार किया जा रहा है। बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के मुताबिक हरिवंश बाबू पार्टी के साथ है।
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