नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के निर्णय पर स्वत: संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। जस्टिस रोहिंटन एस नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर विचार करने का निर्णय लेते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी। जस्टिस नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उन्होंने यह ‘‘परेशान करने वाली’’ खबर पढ़ी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कावड़ यात्रा की अनुमति देने का फैसला किया है, वहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हम उस सम्मानित राज्य की राय जानना चाहते हैं। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के बारे में आगाह करने के बावजूद ऐसा हो रहा है।
उत्तराखण्ड में लगा दी गयी रोक
विगत मंगलवार को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में इस वर्ष कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गयी है। सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का निर्णरू लिया है। बता दें कि कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से छह अगस्त के बीच प्रस्तावित है। इस यात्रा में हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और इसमें जगह जगह भीड़ उमडऩे की आशंका रहती है। दोनों राज्यों में कोरोना के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं, ऐसे में उत्तराखंड से कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी।