पलामू: (Jharkhand Latest News In Hindi) अनेकता में एकता भारत की पहचान रही है। बहुभाषी, बहुसंस्कृतियों वाला देश हमेशा एक रहा है। लेकिन एक समुदाय विशेष ऐसा है जो देश को रह-रह कर खंडित करता रहता है। देश के आजाद होते ही उसने जहां पाकिस्तान के रूप में अपना हिस्सा ले लिया। इसके बावजूद जो भारत में रह गए हैं, उनमें से कुछ ऐसे हैं, जो अभी भी देश को तोड़ने की नाकाम कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर इन्हें तब भी संरक्षण दिया गया था और आज भी बचाया जा रहा है। लेकिन हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल के बाद अब मुस्लिम समुदाय का आतंक झारखंड (Jharkhand Latest News In Hindi) में देखा जा रहा है। जहां भी ये तादाद में भारी पड़ रहे हैं, वहीं अपने हिसाब से कानून चलाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुसहर समुदाय के लोगों को उजाड़ा
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने झारखंड (Jharkhand Latest News In Hindi) के पलामू जिले (Palamu News) के पांडू प्रखंड के मुरुमातु गांव के करीब टोंगरी के पास कई दशकों से बसे मुसहर समुदाय के 50 लोगों को उजाड़ दिया है। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुसहरों के घरों को मदरसे की जमीन बताते हुए उन्हें तोड़ दिया और गांव से बाहर निकाल दिया। वहीं इस मामले को लेकर अन्य राजनीतिक पार्टियों ने हर बार की तरह चुप्पी साध ली है, वहीं भाजपा ने इसको लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने तंज कसते हुए कहा कि हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत काफी बढ़ गई है। मदरसे की जमीन बताकर महादलित परिवारों को घरों को तोड़कर बेघर कर दिया गया और यह सरकार गूंगी-बहरी बनी बैठी है।
जबरन गांव से निकाला
जानकारी के मुताबिक, पीड़ितों ने शिकायत की है कि सोमवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नाजायज मजमा बनाकर उनके मिट्टी व फूस के घर को तोड़ डाला। इसके साथ ही उनके सामान को एक वाहन पर जबरन लादकर छतरपुर प्रखंड लोटो गांव के पास छोड़ दिया। पीड़ित परिवारों में कुछ पांडू थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। इस संदर्भ में पांडू के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी राहुल कुमार का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है। वे मामले की जांच कर उचित न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।
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जानबूझकर किया बेघर
पीड़ित नंदलाल मुसहर, गीता देवी और राधा देवी ने बताया कि करीब 50 लोग बरसात के इस मौसम में जबरन बेघर किए गए हैं। मुसहरों का कहना है कि वह काफी समय से उस पहाड़ी के निकट मिट्टी का मकान और झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे हैं। दिनभर क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में भीख मांगते हैं और शाम को सभी अपने घर लौटकर सकून से रहते थे। मुसहरों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिमों ने जानबूझकर उन्हें बेघर कर दिया है। बेघर होने से उनके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। सुबह से उनके बच्चे भूखे हैं। घर ध्वस्त कर दिए जाने के चलते कोई भी परिवार खाना तक नहीं पका पा रहा है।
पीड़ितों के मुताबिक जमीन के सर्वे में भी उनका नाम बंडा पर्चा में दर्ज किया गया है। उधर आरोपी पक्ष दावा कर रहा है कि संबंधित जमीन मदरसे की है। वहीं पांडू के सामाजिक कार्यकर्ता धर्मदेव सिंह यादव का कहना है कि कमजोर समझकर मुसहर परिवारों के घरों को ध्वस्त किया जाना शर्मनाक है, यह गंभीर अपराध है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं पांडू के थाना प्रभारी ने शिकायत की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं। मुसहर परिवार के संजय मुसहर, जितेंद्र मुसहर, गिरजा मुसहर, नंदलाल मुसहर, संतोष मुसहर, लक्ष्मी देवी, रंजू देवी आदि थाना पहुंचकर इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
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