Jal Jeevan Mission: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अधिकारियों के फर्जी आंकड़े को सच मानकर जनता के बीच खुद की फजीहत करा रही है। प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ जल पहुंचाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की तरफ से नल से जल योजना चलाई गई है। जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के फर्जी आंकड़ों में प्रदेश के अधिकतर ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ जल भी मिलने लगा है। लेकिन यह सच नहीं है। प्रदेश के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार और दुर्व्यवस्था के शिकार बनकर रह गये हैं। जल जीवन मिशन के आंकड़ों में जहाँ अधूरे पानी टंकी के निर्माण से पानी की सप्लाई दिखाई जा रही है, वहीं खुदी सड़कें, अधूरे नल कनेक्शन योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे हैं।

सरकारी आंकड़ों पर खुश रहने वाली योगी सरकार को कैसे गुमराह करना है यह जल जीवन मिशन से जुड़े लोग बाखूबी जानते हैं। शायद यही वजह है कि ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ जल पहुंचाने में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य बना गया है। फर्जी आंकड़ों से खुश योगी सरकार नमामि गंगे परियोजना के तहत जमकर बजट भी जारी करती रहती है। मगर कड़वा सच यह है कि बजट को पैसा ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ जल पहुंचाने की जगह अधिकारियों के मंहगे सम्मेलन और प्रचार में खर्च हो जा रहे हैं।

Jal Jeevan Mission

गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से जो आंकड़े जारी किये गए है वह उनके निष्पक्षता और शासन तंत्र पर सवाल खड़े करने वाले हैं। जिस सरकार को अपने राज्य की वास्तविक स्थिति की जानकारी न हो उसके शासन में जनता का क्या हाल हो सकता है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। योगी सरकार के आंकड़ों में प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों को आप भी पढ़िए और समझिये कि प्रदेश में किस तरह अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हाल बना हुआ है।

योगी सरकार का दावा

पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत ने देश की संसद को हिला दिया था। सिर्फ 2005 में ही 6000 से ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आए। इनमें से 1400 से ज्यादा की मौत हो गई थी। 2017 के पहले तक जेई और एईएस से मौतों का आंकड़ा 50 हजार के पार हो गया था और इसका केंद्र था गोरखपुर मंडल। सीएम योगी आदित्यनाथ तब गोरखपुर के सांसद थे।

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मामला संसद में उठा। फिर 2017 में जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो इसके बाद से इंसेफेलाइटिस के खिलाफ जंग जमीन पर उतर गई। उन्होंने इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की मुहिम अपने हाथ में ले ली और निरंतर प्रयास से इसमें सफलता भी हासिल की। बीते दो साल में केवल बहराइच और कुशीनगर में एक-एक मौत दर्ज की गई है। इसके अलावा कहीं भी जेई से कोई मौत नहीं हुई। एईएस के मामलों में भी 99 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। सीएम योगी के नेतृत्व में इसकी एक अहम वजह ‘जल क्रांति’ भी है। हर घर में नल से पहुंचता साफ पानी इस भयावह बीमारी के नियंत्रित होने का अहम कारण है।

सीएम योगी के नेतृत्व में बीमारियों पर लगाया अंकुश

साल 1978 में उत्तर प्रदेश में जेई का पहला मामला दर्ज किया गया था। शुरुआती दो दशकों में इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों में से 30 प्रतिशत से ज्यादा की मौत हो जाती थी। खास बात यह है कि सर्वाधिक प्रभावित पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले थे। इसका सबसे अधिक दंश बच्चों को झेलना पड़ता था। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों के काटने की वजह से व्यक्ति जेई से ग्रसित होता है, जबकि एईएस दिमागी बुखार है। मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी को देखते हुए योगी सरकार ने क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने और शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना बनाई। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण अभियान तेज किया।

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‘हर घऱ नल से जल’ योजना से पहुंचा स्वच्छ पानी

सीएम योगी के मार्गदर्शन में साफ पानी पहुंचाने की नीति को अंजाम दिया गया जल जीवन मिशन की ‘हर घर नल से जल’ योजना से। चूंकि मामला गंभीर था और योगी सरकार की प्राथमिकता भी, इसलिए प्रभावित जिलों में नल से पानी पहुंचाने की मुहिम को बेहद तेज गति दी गई। जल जीवन मिशन के मुताबिक प्रभावित जिलों में 85 से लेकर 92 प्रतिशत तक घरों में टैप वॉटर पहुंचाया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक साफ पानी की आसान उपलब्धता ने पानी से फैलने वाले संक्रमण की संभावनाओं को कम किया है। इसके अलावा लोगों को हाइड्रेटेड रहने में मदद मिली है। इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हुई है। जेई और एईएस जैसी बीमारियों से लड़ने यह भी एक अहम पहलू रहा है।

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जल्द ही 100 प्रतिशत घरों में टैप वॉटर की होगी पहुंचः एसीएस नमामि गंगे

नमामि गंगे के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि साफ पानी की उपलब्धता से बीमारियों के फैलने की संभावना कम हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ने भी इन जानलेवा बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद की है। साफ पानी स्वस्थ जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है। हम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कटिबद्ध हैं।’ जल्द ही हम 100 प्रतिशत घरों में टैप वॉटर पहुंचाने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे।

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