कन्नौज: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग (IT) की तरफ से जारी छापेमारी (IT Raid) पर बेशर्मी की राजनीति शुरू हो गई है। सपा अध्यक्ष जहां बीजेपी सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं सपा से जुड़े लोगों के यहां से मिल रही अकूत संपत्ति यह बताने के लिए काफी है कि किस हद तक लूट खसोट किया गया है। सामान्य भाषा में शायद इसी को चोरी के बाद सीनाजोरी भी कहा गया है। क्योंकि पकड़े गए टैक्स चोरी के सरगना चोरी पर शर्म करने की जगह जांच एजेंसियों पर सवाल खड़ा करके अपनी बेशर्मी का प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। आयकर विभाग (IT) को छापेमारी के तीसरे दिन समाजवादी इत्र बनाने वाले सपा एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन (SP MLC Pushpraj Jain aka Pumpi Jain) के ठिकानों से दस करोड़ रुपए की फर्जी खरीद और दस करोड़ की बोगस इंट्री के कागजात मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है।
आईटी (IT) विभाग को इससे पहले मिडिल ईस्ट से करीब 40 करोड़ रुपए के निवेश के दस्तावेज हाथ लगे थे। बड़ी संख्या में मिले फर्जी कागजातों की जांच जारी है। बीजेपी नेता दीपक सोनी का कहना है कि जांच में सहयोग करने की जगह समाजवादी पार्टी की तरफ से इस पर सियासत की जा रही है। बेशर्मी का आलम यह है कि करोड़ों रुपए की चोरी पकड़े जाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जांच एजेंसी और बीजेपी सरकार पर हमला बोलने में लगे है।
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बता दें कि आयकर विभाग (IT) ने पम्पी जैन और मलिक ग्रुप के कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई और हाथरस के 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। शनिवार तक कानपुर और लखनऊ सहित 15 ठिकानों की जांच पूरी हो गई थी। रविवार को 8 और ठिकानों की जांच पूरी हो गई है, जबकि 12 जगहों पर अभी भी छानबीन जारी है।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग को पम्पी जैन के मुंबई स्थित आवास से दो करोड़ रुपए की बरामदगी पहले ही हो गई थी। इसके अलावा मिडिल ईस्ट से करीब 40 करोड़ के निवेश के कागजात मिले हैं। बताया जा रहा है कि जांच में पता चला है कि पम्पी जैन ने कोलकाता की बोगस कंपनियों के जरिए दस करोड़ रुपए की इंट्री ली है। जांच में ये सभी कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपए की फर्जी खरीद बिक्री के फर्जी दस्तावेज मिले हैं। उधर मलिक ग्रुप के ठिकानों से मिले साढ़े तीन करोड़ रुपए कैश और कागजात व रजिस्टरों को सील कर दिया गया है।
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