प्रकाश सिंह
बस्ती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटवाने का निर्देश पर राजस्व विभाग के लिए कमाई का जरिया बन गया है। हलका लेखपाल से लेकर तहसीलदार तक अवैध कब्जेदारों से कमाई करने में जुट गए हैं। मजे की बात यह है कि यदि कोई इसकी शिकायत भी करता है, तो ये अधिकारी उस पर सुनवाई की जगह बेहूदा मजाक करने से भी बाज नहीं आते। ऐसा ही मामला हर्रैया तहसील के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम लोढ़वा से सामने आया है। आरोप है कि यहां हलका लेखपाल अमितेश क्षेत्र में सिर्फ वसूली करने के लिए आता है। सरकारी जमीन से कब्जा हटवाना तो दूर, बल्कि पैसा लेकर वह कब्जा करवा रहा है। बीते दिनों शिकायत के बावजूद लेखपाल ने लोढ़वा गांव के कुछ दबंग लोगों को सरकारी पेड़ बेच दिया था। वहीं अब गांव के मनिराम से रिश्वत लेकर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करवा रहा है।
लोढ़वा गांव निवासी तिलकराम यादव ने अवैध निर्माण की शिकायत फोन से लेखपाल अमितेश से की तो, जवाब मिला कि अभी सो रहा हूं डिस्टर्ब न करो। इसके बाद उन्होंने तहसीलदार से फरियाद लगाई, जिस पर तहसीलदार की तरफ से जांच कराने का आश्वासन देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब राजस्व विभाग के लोग पैसा लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा कराएंगे तो अवैध कब्जा मुक्त प्रदेश सरकार का सपना कैसे साकार होगा। बता दें कि बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील भ्रष्टाचार के अकंठ में डूबा हुआ है। जमीनी विवाद को लेकर यह तहसील हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। चर्चा है कि अवैध कमाई में नीचे से लेकर ऊपर तक सबका हिस्सा बंधा हुआ है। यही वजह है कि ऐसे मामलों में शिकायत करने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो पाती।
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बीते दिनों हर्रैया तहसील के पिपरा गांव जमीन पैमाइश के दौरान हर्रैया तहसीलदार की मनमानी करने का मामला सामने आया था। तहसीलदार और पैमाइश में शामिल सिपाही पर दिव्यांग शिक्षक से मारपीट के आरोप लगे हैं। जिसको लेकर शिक्षकों में काफी आक्रोश है। शिक्षक धरना प्रदर्शन कर तहसीलदार और सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इधर लोढ़वा गांव में हलका लेखपाल अमितेश की हरकत को लेकर लोगों में आक्रोश फूट रहा है। लोगों का कहना है कि लेखपाल की अवैध वसूली से हर कोई परेशान है।
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