लखनऊ: राजनीति में दिल कुछ कहता है और दिमाग कुछ और करता है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पिछली सरकार में सीएम योगी से बगावत कर सरकार से अलग होने के बाद सरकार की नीतियों पर हमला बोल कर चर्चा में बने रहने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इन दिनों सपा गठबंधन की धज्जियां उड़कर चर्चा में बने हुए हैं। हालांकि वह दावा भी कर रहे है कि उनका सपा से गठबंधन जारी है, बावजूद वह गठबंधन नीति से अलग होकर काम कर रहे हैं। अपनी इन नीतियों के चलते ओमप्रकाश राजभर सत्ता के साथ है या फिर विपक्ष के यह कह पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। क्योंकि वह हैं तो विपक्षी गठबंधन में शामिल लेकर साथ सत्ता पक्ष का देते नजर आ रहे हैं। सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने निकले ओमप्रकाश राजभर लखनऊ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ विक्‍ट्री साइन बनाते नजर आए।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि यह चुनाव एकरफा हो गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की झड़ी उसी दिन लग लग गई जिस दिन मैंने अपने पत्‍ते खोले। इसके अलावा उन्‍होंने यह भी दावा किया कि सपा से सुभसपा का गठबंधन आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब तक नहीं कह देंगे कि आप अपना देखो, तब तक हम उनके साथ हैं।

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राजभर ने कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए सपा से न हमें बुलाया गया, न वोट मांगा गया, ऐसे में जहां से बुलाया गया और वोट मांगा गया हम उन्‍हीं के साथ खड़े हो गए। एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्‍ली का रास्‍ता यूपी से होकर जाता है। आप यूपी की गिनती देख लीजिए। यहां की गिनती में विपक्ष कहां खड़ा है। यह चुनाव एकतरफा हो चला है। इसके साथ उन्‍होंने कहा कि उनका गठबंधन आज भी सपा से है। वहां से वोट मांगा नहीं गया, बैठक में बुलाया नहीं गया। जहां से मांगा गया, बुलाया गया वहां हम चले गए। बता दें कि सुभासपा के विधायक राष्‍ट्रपति चुनाव का वोट डालने गेट नंबर 7 पर पहुंचे। इस दौरान अपना दल के विधायक आशीष पटेल के नेतृत्‍व में वोट डालने पहुंचे थे।

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