शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस बार 68 नवनिर्वाचित विधायकों में से 16 केवल 10वीं और 12वीं पास हैं। इनमें नौ विधायक 10वीं और सात विधायक 12वीं पास हैं। 52 विधायकों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक व इससे ऊपर है। इसमें 16 विधायक स्नातक, 19 विधायक स्नातकोत्तर, 15 विधायक स्नातक प्रोफेशनल और 02 डॉक्टरेट हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफोर्म (एडीआर) ने चुनाव परिणाम आने के बाद ये आंकड़े जारी किए हैं।
इस बार करोड़पति विधायकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। 68 में 63 विधायक करोड़पति हैं, जबकि 2017 में करोड़पति विधायकों की संख्या 52 यानि 76 प्रतिशत थी। 2022 में यह संख्या बढ़कर 63 यानि 93 प्रतिशत हो गई। कांग्रेस के 40 में से 38 और भाजपा के 25 में से 22 तथा तीन निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं। इनमें 34 यानी 50 फीसदी विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ से अधिक, 23 की दो करोड़ से पांच करोड़, 9 की 50 लाख से दो करोड़, दो की 50 लाख से कम है।
चौपाल से भाजपा विधायक बलबीर वर्मा के पास सर्वाधिक 128 करोड़ की संपति है। दूसरे नम्बर पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह हैं, जो 101 करोड़ के मालिक हैं। जबकि आनी से भाजपा के लोकेंद्र कुमार की सबसे कम संपत्ति 29 लाख है। इस बार चुने गए 28 विधायकों पर आपराधिक और 12 पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कांग्रेस के 40 में से 23 विधायकों और भाजपा के 25 में से 05 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक विधायक पर हत्या का मामला दर्ज है।
इसे भी पढ़ें: बिहार इंटरमीडिएट और दसवीं परीक्षा की तारीखों का एलान
कांग्रेस के 09 और भाजपा के 03 विधायकों पर गम्भीर आपराधिक मामले हैं। वर्ष 2017 की विधानसभा में 22 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे जो आंकड़ा अब 28 पहुंच गया है। उम्र की बात करें तो 68 में से 29 नवनिर्वाचित विधायक 25 से 50 साल के बीच और 38 विजेता प्रत्याशी 51 से 80 साल के बीच के हैं। महिला प्रतिनिधित्व की बात करें तो इस बार 68 में से केवल एक महिला विधायक बनीं हैं। 2017 में महिला विधायकों की संख्या चार थी।
इसे भी पढ़ें: वेब सीरीज खाकी से चर्चा में आए आईपीएस लोढ़ा की मुश्किल बढ़ी