लखनऊ। हजरत अली इल्म का समंदर हैं, उनकी बताई हुई शिक्षाएं आज भी मानवता को प्रेरित कर रही हैं। हमें उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर व्यवहार करना चाहिए, जिससे इंसानियत की तरक्की हो सके। यह बात आज शिया पीजी कॉलेज, लखनऊ में बोर्ड आफ ट्रस्टीज शिया कालेज की ओर से हजरत अली और मानवता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान नें उद्घाटनकर्ता के रूप में बोलते हुए कही। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय नें मुख्य अतिथि के रूप में बात रखते हुए कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता। अगर हम इंसानी कानूनों के ऊपर अमल करें तो पूरी तरह अमन चैन रहेगा। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, बोर्ड आफ ट्रस्टीज, शिया कालेज की ओर से किया गया जिसमें 2 सत्र हुए और भारी तादात में शिक्षाविदों, छात्र-छात्राओं और समाज के विभिन्न हिस्सों के लोगों नें भागीदारी की।
कार्यक्रम की शुरुआत में शिया पीजी कॉलेज एनसीसी की आर्मी और नेवल विंग के कैडेट्स के द्वारा राज्यपाल तथा कुलपति महोदय को गार्ड आफ आनर प्रस्तुत करके आगवानी की। प्रथम सत्र में मजलिस-ए-उलेमा शिया कालेज के सेक्रेरट्री मौलाना यासूब अब्बास नें सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हजरत अली की हुकूमत के कार्यकल में कोई भी शक्स भूखा नहीं रहा। कोई ऐसा नही था जिसके तन पर कपड़े न हो और सर पर छत न हो यानी आज के 1400 वर्ष पहले हजरत अली ने अपने कार्यकाल में रोटी, कपड़ा और मकान की मूल-भूत सुविधाओं को हल कर दिया था।
बेसहारा लोगों के साथ मोहब्बत का सुलूक किया
बोर्ड आफ ट्रस्टीज शिया कालेज के प्रेसीडेंट प्रो. अजीज हैदर नें आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हजरत अली नें गरीबों के साथ कमजोरों और बेसहारा लोगों के साथ जो हमदर्दी और मोहब्बत का सुलूक किया उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। प्रथम सत्र की सदारत कर रहे वरिष्ठ धर्म गुरू और मजलिस-ए-उलेमा शिया कालेज के प्रेसीडेंट मौलाना हमीदुल हसन ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि शिया कालेज में इतने बड़े पैमाने पर हजरत अली और इंसानियत के नाम पर सेमिनार हो रहा है जिसमें जनाब आरिफ मोहम्मद खां साहब, गवर्नर केरल भी शरीख है क्योंकि हजरत अली ने इंसानियत के लिए वो काम किये कि 1400 वर्ष गुजरने के बाद भी दुनिया उसे याद कर रही है।
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कॉलेज के डेवलपमेंट पर जाहिर की खुशी
दूसरे सत्र को प्रमुख रूप से सम्बोधित करते हुए रूहेलखण्ड तथा आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और प्रमुख अर्थशास्त्री प्रो. मोहम्मद मुजम्मिल ने कहा कि सबसे पहले उन्होनें शिया कॉलेज के डेवलपमेंट पर बहुत खुशी का इजहार किया और कहा कि आज मैं बहुत दिन के बाद कालेज आया हूं लेकिन कालेज में बहुत कुछ बदला बदला देखकर व विकास देखकर मुझे बहुत खुशी हा रही हे। इसके अलावा हजरत अली और इंसानियत के विषय पर बोलते हुए कहा कि बीमारों की, गरीबों की और यतीमों की जिस प्रकार हजरत अली नें मदद की वो अपने आप में मिसाल है। इसके अलावा एक बीमार शक्स हजरत अली की शहादत के बाद उनको याद करके रोया करता था क्योंकि हजरत अली उसको अपने हाथ से खाना खिलाते थे और उसके जख्मों पर पट्टी करते थे लेकिन जब उसको पता चला कि अब हजरत अली इस दुनिया में नही है तो उसने एक लम्बी सांस ली और उसकी मृत्यु हो गयी।
इस सत्र को एरा मेडिकल युनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. अब्बास अली मेंहदी नें भी सम्बोधित किया। इसके बाद ई. शकील अब्बास रिज़वी, जनाब हसन फराज तथा जनाब एजाज जैदी नें हजरत अली की शान में अपने कलाम पेश किये। कार्यक्रम के अन्त में शिया पीजी कॉलेज, लखनऊ के कार्यवाहक प्राचार्य डाॅ. मोहम्मद मियां ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता बोर्ड आफ ट्रस्टीज शिया कालेज के अध्यक्ष प्रो. अजीज हैदर तथा संचालन बोर्ड आफ ट्रस्टीज के सदस्य डाॅ. सरवत तकी ने किया। आज के कार्यक्रम में बोर्ड आफ ट्रस्टीज, शिया कालेज के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार मोहम्मद आमिर नकी खाँ, डाॅ. अनवर रिजवी, डाॅ. एसएसएच तकवी, मोजिज रिज़वी, डाॅ. इशरत हुसैन तथा लखनऊ शहर के विभिन्न महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र शामिल थे।
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