प्रतापगढ़: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता गुलशन यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला चुनावी नहीं, बल्कि कानूनी है। प्रतापगढ़ प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कदम उठाते हुए गुलशन यादव की 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है, जिसमें जमीन, वाहन और अन्य चल-अचल संपत्ति शामिल हैं।
कौन हैं गुलशन यादव
गुलशन यादव प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र के मऊदारा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम सुंदर लाल यादव है। वे तीन भाइयों में एक हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर राजा भैया यानी रघुराज प्रताप सिंह के सानिध्य से शुरू किया था। हालांकि, बाद में राजनीतिक मतभेद के चलते सपा का दामन थाम लिया और राजा भैया के खिलाफ दो बार चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके।
50 से ज्यादा मुकदमे, घोषित गैंग लीडर
प्रशासन के अनुसार, गुलशन यादव के खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, धमकी, कब्जा और उगाही जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। उन्हें अब गैंग लीडर घोषित कर दिया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की जा रही है।
तीन थाना क्षेत्रों से जुड़ा मामला
गुलशन यादव के खिलाफ मामला नगर कोतवाली, कुंडा और मानिकपुर कोतवाली से जुड़ा हुआ है। प्रतापगढ़ के एसपी सिटी संजय राय ने बताया कि डीएम के आदेश के तहत गुलशन यादव की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं, जिनकी कुल कीमत ₹7,00,15,502 आँकी गई है।
राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप
गुलशन यादव के समर्थकों ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उनका कहना है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है क्योंकि गुलशन यादव ने राजा भैया जैसे प्रभावशाली नेता के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत हो रही है।
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चुनाव के दौरान लगाया था जान से खतरे का आरोप
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान गुलशन यादव ने दावा किया था कि उन्हें राजा भैया से जान का खतरा है। इस बयान ने चुनावी माहौल में तनाव और राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया था। गुलशन यादव के खिलाफ की गई यह सख्त प्रशासनिक कार्रवाई प्रतापगढ़ की राजनीति में बड़ा संदेश मानी जा रही है। यह घटना साफ करती है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अब प्रभावशाली लोगों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है, चाहे उनका राजनीतिक कद कुछ भी हो।
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