Happy Birthday Govinda: 80 और 90 के दशक में जब बॉलीवुड पर एक्शन हीरो का कब्जा था, तब एक ऐसा नौजवान पर्दे पर आया जिसने अपनी मुस्कान, अनोखे डांस स्टेप्स और गजब की कॉमिक टाइमिंग से पूरे देश को अपना दीवाना बना लिया। हम बात कर रहे हैं ‘चीची’ यानी हमारे अपने गोविंदा की, जो रविवार को अपना 62वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं।
चॉल की तंग गलियों में बीता बचपन
आज करोड़ों के बंगले में रहने वाले गोविंदा का शुरुआती जीवन संघर्षों की एक मिसाल है। उनके पिता अरुण आहूजा 1940 के दशक के चर्चित अभिनेता थे, लेकिन एक फिल्म फ्लॉप होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अपनी हवेली छोड़कर एक चॉल में शिफ्ट होना पड़ा। इसी तंगहाली के बीच गोविंदा का जन्म हुआ।
मां ने क्यों रखा ‘चीची’ नाम? घर में सबसे छोटे होने के कारण उनकी मां ने उन्हें प्यार से ‘चीची’ नाम दिया। ‘चीची’ का मतलब होता है सबसे छोटी उंगली। उनकी मां का मानना था कि जिस तरह भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था, वैसे ही उनका बेटा भी परिवार की सारी परेशानियों को खत्म कर देगा।
जावेद जाफरी का वीडियो देखकर सीखा डांस
हैरानी की बात यह है कि जो अभिनेता आज अपने डांस के लिए मशहूर है, उसने करियर की शुरुआत में डांस की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी। गोविंदा ने एक बार शो ‘बूगी-वूगी’ में बताया था कि उन्हें जावेद जाफरी का वीडियो दिखाकर डांस सीखने की सलाह दी गई थी। शुरुआती दिनों में उन्होंने जावेद के वीडियो देख-देखकर रियाज किया और बाद में मास्टर सरोज खान ने उन्हें प्रोफेशनल तालीम दी।
जब गोविंदा के नाम का बजता था डंका
गोल्डन जुबली स्टार: 1986 में फिल्म ‘इल्जाम’ से शुरुआत करने के बाद, 90 का दशक गोविंदा के नाम रहा। ‘कुली नंबर 1’, ‘राजा बाबू’ और ‘हीरो नंबर 1’ जैसी फिल्मों ने उन्हें घर-घर में सुपरस्टार बना दिया।
साल की 15 फिल्में: अपने पीक पर गोविंदा की लोकप्रियता का आलम यह था कि उन्होंने एक ही साल में 15-15 फिल्में साइन की थीं।
सबसे महंगे एक्टर: उस दौर में गोविंदा एक फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपये तक चार्ज करते थे, जो उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी रकम थी।

राजनीति बनी करियर का टर्निंग पॉइंट
साल 2004 में गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर उत्तर मुंबई से चुनाव जीता और राजनीति में कदम रखा। लेकिन यह फैसला उनके फिल्मी करियर के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। गोविंदा ने खुद एक बार इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति में आने की वजह से वे फिल्मों से दूर हो गए और इंडस्ट्री के भीतर ही कुछ लोग उनके दुश्मन बन गए, जिन्होंने उनकी फिल्मों को रिलीज होने से भी रोका।
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सिनेमाई विरासत
आज भी गोविंदा के गानों और उनके डांस स्टाइल की नकल हर कोई करता है। वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक पूरा स्कूल ऑफ एक्टिंग हैं जिनसे आज के नए कलाकार प्रेरणा लेते हैं। जन्मदिन के इस खास मौके पर पूरा बॉलीवुड और उनके फैंस उन्हें दुआएं भेज रहे हैं।
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