राघवेंद्र प्रसाद मिश्र

Election Result 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में बीजेपी सरकार में अयोध्या में राम मंदिर का सपना साकार हो चुका है। करीब पांच सौ वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद हिंदुओं के आराध्य देव प्रभु श्रीराम अपने गर्भगृह में विराजमन हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का लाभ बीजेपी को मिलेगा। हिंदुओं की आस्था बीजेपी (BJP) से जुड़ेगी और लोकसभा के चुनाव में रामसेवकों की बंपर जीत होगी। लेकिन मतगणना के रुझानों ने इन सारे कयासों पर विराम लगा दिया है। वहीं उलट कभी निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को इसका जबरदस्त लाभ मिला है। पिछले लोकसभा चुनाव में 5 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इस बार 33 सीटों पर आगे चल रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को राम के नाम का लाभ कभी नहीं मिला है। आलम यह है कि अयोध्या में बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह की सीट फंसती नजर आ रही है।

भारतीय जनता पार्टी देश की इकलौता ऐसा राजनीतिक दल है, जिसके चुनावी एजेंडे में राममंदिर का निर्माण शामिल रहता था। बाकी दल राम के नाम पर केवल राजनीति कर रहे थे। वह राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बोलने का साहस तो नहीं दिखा पाते थे, हां बीजेपी से सवाल जरूर करते थे कि मंदिर निर्माण कब होगा। संयोग था कि देश और प्रदेश में कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरे नरेंद्र मोदी तथा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व मंर बीजेपी की सरकार बनने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार में बीजेपी ने जनता के बीच बार-बार राम मंदिर का जिक्र कर हिंदुत्व के विचारों को धार देने की कोशिश की। जिसको देखकर विपक्षी दलों ने बीजेपी पर राम के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाने शुरू कर दिए थे।

Ram Mandir

गौरतलब है कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में राम के नाम पर कभी वोट हासिल नहीं हुआ। यह अलग बात है कि बीजेपी ने न सिर्फ राम मंदिर निर्माण को अपने एजेंडे में शामिल किया, बल्कि मंदिर निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश में सरकार तक त्याग दी। ऐसे में राम मंदिर के नाम पर सहानुभूति मांगना बीजेपी का हक ही नहीं अधिकार भी है। हालांकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को कभी इसका लाभ नहीं मिला। राम मंदिर की बात करने वाली बीजेपी को लम्बे समय तक सत्ता से दूर रहना पड़ा, वहीं कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली सपा को मंदिर का विरोध करने की वजह से सत्ता हासिल हो गई। राम के नाम पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी को भले ही कभी कोई फायदा नहीं मिला, लेकिन देश के अन्य राज्यों में पार्टी को भगवान श्रीराम का आशीर्वाद जरूर मिला।

उत्तर प्रदेश और बिहार दो ऐसे राज्य हैं जहां जातिवाद पूरी तरह हावी है। शायद यही वजह रही है कि राम मंदिर निर्माण का विरोध करने के बावजूद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की सरकारें बनती रहीं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लालकृष्ण आडवानी के नेतृत्व में जब रथ यात्रा निकाली गई थी, तो सबसे ज्यादा इसका विरोध उत्तर प्रदेश और बिहार में हुआ था। उस समय उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार और बिहार में लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद की सरकार थी। बीजेपी की रथ यात्रा को रोकने के लिए लालू प्रसाद ने पूरा जोर लगा दिया था और बिहार में प्रवेश करते ही लालकृष्ण आडवानी समेत अन्य बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होने के बाद ऐसा लग रहा था कि हिंदुओं की हिंदुओं के आस्था का लाभ बीजेपी को मिलेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार की जनता ने एकबार फिर साबित कर दिया है कि जाति के सामने आस्था उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। यहां के लोग चुनाव में नेता नहीं जाति चुनते हैं। सुशासन और कानून व्यवस्था से यहां की जनता का कोई सरोकार नहीं है। फिलहाल यूपी-बिहार को छोड़ दें तो अन्य राज्यों में बीजेपी को श्रीराम का आशीर्वाद मिला है और तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है।

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