नई दिल्ली: भोजपुरी हमारी मातृभाषा है वर्तमान भाजपा सरकार का रवैया मातृभाषाओं के प्रति सकारात्मक है, हमें उम्मीद है कि भोजपुरी को उसका उचित न्याय जल्द मिलेगा। उक्त बातें भाजपा के सांसद और पूर्व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ‘भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता -सवाल, विमर्श, समाधान शीर्षक से अजीत दुबे के विभिन्न आलेखों के संग्रह पर आधारित एवं देवेन्द्रनाथ तिवारी द्वारा संपादित पुस्तक के विमोचन समारोह (जिसका आयोजन विश्व भोजपुरी सम्मेलन संस्था की दिल्ली इकाई एवं भोजपुरी समाज दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में संपन्न हुआ) में कहीं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए राम बहादुर राय ने कहा कि भोजपुरी की लड़ाई में यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि जिस दिन भोजपुरी को मान्यता मिलेगी उस दिन दरअसल भारतीयता को मान्यता मिलेगी। औपनिवेशिक वादी ताकतें भाषा की राजनीति में भोजपुरी ही नहीं सभी भारतीय भाषाओं के विरुद्ध खड़ी हैं। भारत सरकार के केंद्रीय संसदीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने डिजिटल सम्बोधन में कहा कि भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता मिलने से हिंदी को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा इस प्रकार की मिथ्या धारणा को उन्होंने खारिज किया और उम्मीद जताई कि मोदी सरकार द्वारा जल्द ही भोजपुरी, राजस्थानी, भोटी को जैसी भाषाओं को न्याय दिया जाएगा। गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने भी अजीत दुबे के प्रयास की सराहना करते हुए भोजपुरी की मान्यता की मांग की।
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सांसद जगदंबिका पाल ने अजीत दुबे को भोजपुरिया परिवार का ‘रूहे रवां’ बताते हुए भोजपुरी के कैथी लिपी की चर्चा करते हुए भोजपुरी भाषा को प्राचीन भाषा बताया। उन्होंने बताया कि भोजपुरी साहित्य संस्कृति के प्रति वर्तमान सरकार गम्भीर काम कर रही है। जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्रा ने कहा कि आने वाले समय में विश्व स्तर पर भोजपुरी की जन स्वीकृति बढ़ रही है। लेकिन सरकारी स्तर पर भोजपुरी की उपेक्षा चिंतनीय है। करोड़ों लोगों की इस भाषा को सम्मान मिलना ही चाहिए। समारोह में दिल्ली के भोजपुरी परिवार के प्रबुद्ध वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व उप सैन्य प्रमुख ले जनरल एसके सिंह, पूर्व डीजीपी झारखंड कमलनयन चौबे, पायलट, प्रोफेसर, अधिवक्ता, पत्रकार, साहित्यकार बंधु बांधवों ने उत्साहजनक रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मनीष चौधरी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर मनीष सिंह आर्य ने दिया।
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