प्रकाश सिंह
बस्ती: प्रदेश की योगी सरकार सत्ता में आते ही प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का वादा किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जो सड़कें बनी भी हैं विभागीय लापरवाही उसमें विभागीय लापरवाही साफ झलक रही है। इन्हीं में से एक सड़क मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद गोरखपुर से सटे बस्ती जनपद की है। हाल ही में बने बस्ती-दुबौला मार्ग पर विभागीय लापरवाही के चलते बड़ी दुर्घटना का अंदेशा अभी भी बना हुआ है। काफी प्रयासों के बाद पीडब्ल्यूडी की तरफ से इस सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा भी हो चुका है, लेकिन सड़क को देखकर समझा जा रहा है कि निर्माण कार्य में केवल फॉर्मेलिटी को पूरा किया जा रहा है। बस्ती से दुबौला के बीच सड़क में पड़ रहे विद्युत पोलों को हटवाने की जगह सड़क बना दी गई। जिसका खामियाजा घने कोहरे में रहगीरों को चुकानी पड़ेगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि कोहरे में यह सड़क कातिल हो जाएगी। क्योंकि सड़क में पड़ने वाला पोल घने कोहरे के बीच बड़ी दुर्घटना के कारण बनेंगे।
बता दें कि बस्ती मुख्यालय को जोड़ने वाली यह सड़क कई वर्षों से टूटी हुई है। वर्ष 2017 के पहले यानी सपा सरकार से ही इस सड़क के निर्माण की मांग की जा रही थी। लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपेक्षा के चलते सड़क निर्माण संभव नहीं हो सका। हालांकि पूर्व जिला पंचाय सदस्य दिग्विजय सिंह राना ने इस सड़का निर्माण के लिए जिलाधिकारी को खून से लिखा ज्ञापन भी दिया था। बावजूद इसके सरकारी तंत्र पर कोई फर्क नहीं पड़ा। बीजेपी की सरकार बनने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गड्ढा सड़कें बनाने के एलान के बाद यह उम्मीद जगी थी कि यह सड़क बन जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के तीन साल बीतने के बाद बस्ती सदर विधायक दयाराम चौधरी को लोगों की समस्याओं का ख्याल आया और उनकी पहल पर पीडब्ल्यूडी की तरफ से सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया। सड़क निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन सड़क में पड़ने वाले पोल खड़े हैं, जो किसी बड़ी घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। उधर सड़क के किनारे मिट्टी न डाले जाने से वहनों का साइड देते वक्त भी लोग चोटिल हो रहे हैं।
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राहगीरों का कहना है कि मुश्किल से सड़क तो बन गई पर खतरा अभी भी बना हुआ है। सड़क में पड़ने वाले पोल दुर्घटना का सबब बनेंगे। ठंड के मौसम में कोहरा छाने पर ये पोल नजर नहीं आएंगे, जिससे वाहनों की पोल से टकराना तय है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कोहरे में कातिल हो जाएगी यह सड़क। इस संदर्भ में कार्यदायी संस्था का पक्ष जानने की कोशिश की गई, मगर संपर्क नहीं हो पाया।
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