महाराष्ट्र के कोल्पापुर (Kolpapur riots) में हिन्दुओं का अपमान करने वाली हरकत और औरंगजेब के पक्ष में अभियान चलाने के कारण हिन्दुओं में काफी आक्रोश था। हिन्दू संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार से हिन्दुओं के अपमान के खिलाफ मुस्लिम कट्टरपंथियों पर कार्रवाई की मांग की थी और स्थानीय प्रशासन को भी अवगत कराया था। लेकिन महाराष्ट्र की सरकार और कोल्पापुर (Kolpapur riots) के स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके कारण मुस्लिम दंगाइयों और कट्टरपंथियों के हौसले बढ़ गये थे।
हिन्दू संगठनों ने हताश होकर प्रदर्शन करने का रास्ता चुना। प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने हिन्दू प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर बेरहमी से पीटा, घरों से खिच-खिच कर पिटायी की। हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों का उत्पीड़न भी किया तथा आगे से कोई प्रदर्शन करने पर सबक सिखाने की भी बात की थी। पुलिस के इस व्यवहार से हिन्दू संगठन डरे हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार भी खामोश है। मुस्लिम समर्थक मीडिया ने यह खबर फैलायी कि हिन्दू संगठन उग्र थे, हिंसक थे, इसलिए पुलिस ने लाठियां चलायी।
अगर हिन्दू संगठनों की जगह मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया होता तो स्थानीय पुलिस के हाथ-पांव फूल जाते, उनकी बन्दूक की गोलियां धरी की धरी रह जाती, उनकी लाठियां हाथों में नहीं होती। मुस्लिम संगठनों के नेताओं का चरणवंदना करती। नुकसान पर भी पर्दा डालती। कुछ दिन पूर्व ही महाराष्ट्र में मुसलमानों ने एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर को अपवित्र किया था। उस पर भी महाराष्ट्र सरकार की आवाज नहीं उठी। सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई हुई।
गुजरात के आनंद जिले के उमरेठ में चार जून को आधुनिक हथियारों के साथ मुसलमानों की भीड़ जमा हुई और हिन्दूओं पर खूब अत्याचार किया। हिन्दू दुकानों को लूटा, कई सपंतियों को नुकसान किया। इसके पहले मुस्लिम युवकों ने दो हिन्दू लड़कियों को सरेआम छेड़ा था और अपमानित किया था। उमरेठ की स्थिति यह है कि मुस्लिम युवक सरेआम हिन्दू लड़कियों का अपमान करते हैं और उनकी इज्जत के साथ खेलते हैं। अगर इसका विरोध हिन्दू करते हैं तो फिर मुस्लिम आधुनिक हथियारों से लैश होकर रोड शो करते हैं और हिन्दुओं को दुष्परिणाम झेलने के लिए तैयार रहने को कहते हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस मुस्लिम दंगाइयों के सामने कोई वीरता नहीं दिखाते है, बल्कि उनकी चरणवंदना ही करते हैं।
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महाराष्ट्र और गुजरात में भाजपा की सरकार है। भाजपा सरकार में भी मुसलमानों की सरेआम गुंडई और दंगई मानसिकता क्या कहती है? मुसलमानों की यह गुंडई और दंगाई मानसिकता यह कहती है कि भाजपा की सरकारें मुस्लिम पक्षधर और मुस्लिम वोट बैंक की शिकार हो गयी हैं। नरेन्द्र मोदी का पसमांदा मुस्लिम थ्योरी के कारण भाजपाई अब हिन्दू विरोधी हो गये हैं। हम कांग्रेस और अन्य मुस्लिम पक्षधर सपा, राजद, ममता बनर्जी आदि राज्यों में मुस्लिम दंगाइयों के शिकार तो थे और हैं पर भाजपा के राज्यों में ऐसी परिस्थितियां दुखदायी है। अब स्थिति ऐसी है कि भाजपाई राज्यों में हिन्दू एक्टिविस्ट अगर विरोध करते हैं, तो फिर भाजपा सरकारों की पुलिस जेल में डालती है और मुस्लिम दंगाई उनकी हत्या करते हैं। इसका दुष्परिणाम कर्नाटक में सामने आया है। अब हिन्दू एक्टिविस्ट भाजपा के लिए निरोध बन गये हैं। ऐसी परिस्थितियों के कारण 2024 में मोदी को भारी कीमत चुकानी होगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
(यह लेखक के निजी विचार हैं)
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