Atiq Ahmad Shot Dead: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) का वही अंजाम हुआ जो अब तक अपराधियों का होता आया है। हालांकि अधिकतर अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे जाते हैं, वहीं अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf Ahmed) पुलिस अभिरक्षा में मार दिए गए। मजे की बात यह है अतीक (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf Ahmed) जैसे माफिया को कोई नामी नहीं बल्कि सामान्य शूटरों ने मार गिराया है। इन शूटरों की अभी तक कहीं कोई चर्चा नहीं थी, इन्हें कोई जानता भी नहीं था। लेकिन अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) की हत्या के बाद घटना को अंजाम देने वालों की नामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। हर कोई यह जानना चाह रहा है कि जिस माफिया के मामले में सुनवाई करने से बचने के लिए हाई कोर्ट के जज छुट्टी पर चले जाते थे, उन्हें पुलिस की मौजूदगी में गोलियों से छलनी करने वाले कौन हैं। इनमें मुख्य आरोपी का नाम लवलेश तिवारी (Lavlesh Tiwari) बताया जा रहा है। मीडिया में उसकी पहली तस्वीर भी आ चुकी है।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों से पुलिस (UPPolice) की पूछताछ चल है। वहीं इस हत्याकांड के आरोपी लवलेश तिवारी (Lavlesh Tiwari) के पिता और भाई का बयान भी सामने आ गया है। बताया जा रहा है, हत्याकांड के आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं, आरोपियों ने दोनों की हत्या करने की वजह भी बताई है।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले कोई नामी बदमाश नहीं हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन शूटरों ने सुर्खियां बंटोरने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है। शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी का कहना है कि हमें कोई जानकारी नहीं की वह प्रयागराज कैसे पहुंच गया और हमें इससे कोई मतलब भी नहीं है। उन्होंने कहा कि लवलेश प्रयागराज में कब से है हमें नहीं पता। वह आखिरी बार 7-8 दिन पहले घर आया था। अतीक अहमद और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाला लवलेश तिवारी बांदा जिले को है। नशे और अपराधिक प्रवृत्ति के चलते परिवार वालों ने बहुत पहले ही उससे संबंध तोड़ दिए थे।
प्रयागराज में बनाई गईं 5 टीमें
सभ्य और भयमुक्त समाज की चर्चा और चिंता तो खूब होती है। लेकिन जब बात इसके लिए कुछ करने की आती है, तो समाज का बड़ा हिस्सा अपराधियों के साथ खड़ा नजर आता है। अतीक अहमद और अशरफ के मामले में भी कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है। जहां एक तरफ अतीक अहमद और उसके आतंक से लोग मुक्ति चाहते थे, आज वहीं उसकी मौत पर माहौल इतना खराब हो गया है कि धारा 144 लगाने के साथ बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पूरा उत्तर प्रदेश अलर्ट मोड पर है। जबकि मारा गया व्यक्ति खूंखार अपराधी था। अपराधियों के पक्ष में राजनीतिज्ञों खड़ा होना वाजिब है, क्योंकि अपराधियों से उनका पूराना नाता होता है। वह अपराध जगत से होते हुए ही राजनीति में आते हैं। यही वजह है कि आज शायद कोई ऐसा नेता हो, जिसका दामन साफ हो।
वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात की जाए, तो अपराधियों से उसके रिश्ते कैसे रहे हैं, यह जग जाहिर है। आज जब अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कस रहा है, तो उसकी तड़प से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कराह रहे हैं। अतीक अहमद के पक्ष में अखिलेश यादव के ट्वीट पर ट्वीट को देख कर समझा जा सकता है कि वह इस समय किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। फिलहाल समाज का एक तबका जिस तरह से माफिया अतीक अहमद के साथ खड़ा नजर आ रहा है, उसको देखकर सभ्य समाज की परिकल्पना करना बेमानी है।
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अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद प्रयागराज में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा भी बंद कर दी गई है। पुलिस प्रशासन ने शहर में सुरक्षा के लिहाज से पीएसी और आरएएफ की टीम को तैनात कर दिया है। वहीं शहर में लॉ एंड ऑर्डर के साथ ही शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। इसमें पहली टीम डीसीपी गंगा नगर की है जो कंसारा मसारी पर तैनात रहेगी। दूसरी टीम डीसीपी यमुना नगर करेली इटरनल इलाके में तैनात रहेगी। जबकि तीसरी टीम डीसीपी नगर अटाला से आउटर सर्कल पर नजर रखेगी। इसी क्रम में चौथी टीम डीसीपी क्राइम दोनों अस्पताल सहित ओल्ड सिटी पर निगरानी रखेगी। पांचवी टीम सीपी और ज्वाईंट सीपी पूरे शहर का दौरा करेगी। इसके साथ ही आरएएफ की चार्ली कंपनी की करेली में तैनात रहेगी। ब्राओ और अल्फा को शहर के तीन हिस्सों में बांटा गया है।
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