गाजीपुर: वर्षों से सलाखों के बीच कैद रहने वाले मऊ से विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को चुनाव से पहले कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। इससे मुख्तार (Mukhtar Ansari) के समर्थकों में काफी खुशी है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने कल मुख्तार अंसारी की जमानत को मंजूर कर लिया। मुख्तार अंसारी को जमानत मिलने की जानकारी मिलने के बाद उनके समर्थक में खुशी की लहर दौड़ गई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने मंगलवार को मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के मामले की सुनवाई के दौरान उसके करीबी भी मौजूद थे। मुख्तार अंसारी ने हाइकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल कर बताया था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत वह 27 मई, 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान समय में बांदा जिला जेल में बंद हैं। इस पर हाइकोर्ट ने 11 जनवरी को आदेश दिया था कि आरोपी ने दो सप्ताह के अंदर ट्रायल कोर्ट में इस आदेश को प्रस्तुत किया जाता है, तो संबंधित न्यायालय से आदेश पारित किया जाए। इस पर मुख्तार के अधिवक्ता ने 20 जनवरी को दरख्वास्त दाखिल की थी।
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इस पर सुनवाई के लिए 28 जनवरी की तारीख नियत थी, लेकिन कोरोना की वजह से पीठासीन अधिकारी का रोस्टर इस तारीख पर न होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। अगली तारीख 1 फरवरी तय की गई थी। मंगलवार को एडीजे प्रथम रामसुध सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। मुख्तार अंसारी को जमानत मिलने की सूचना मिलने के बाद समर्थकों में उत्साह दिखा। मऊ में भी मुख्तार के मामले की सुनवाई चल रही है। ऐसे में मुख्तार अंसारी के कई मामलों को देखते हुए बांदा जेल से अभी छूटना मुश्किल ही है।
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