मुंबई: इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट कोबरापोस्ट ने अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप पर एक बहुत बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया है। कोबरापोस्ट के मुताबिक, यह घोटाला 28,874 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम का है और साल 2006 से अब तक चल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घोटाला बैंक लोन, आईपीओ और बॉन्ड्स के जरिए जुटाए गए पैसे के साथ-साथ विदेश से लाए गए फंड को लेकर है। आरोप है कि विदेश से जुटाए गए 1,535 मिलियन डॉलर (लगभग 13,047 करोड़ रुपये) को फर्जी तरीके से भारत लाया गया। इसमें से 750 मिलियन डॉलर की रकम तो भारत आने के बाद गायब ही हो गई। कोबरापोस्ट का दावा है कि यह पूरी गतिविधि मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आ सकती है।

ग्रुप ने किया खंडन, झूठा और एजेंडा-चालित बताया

इन गंभीर आरोपों के जवाब में रिलायंस एडीए ग्रुप ने तुरंत खंडन जारी किया है। ग्रुप ने कोबरापोस्ट की रिपोर्ट को “दुर्भावनापूर्ण और एजेंडा संचालित अभियान” बताया है। ग्रुप का आरोप है कि यह “तथाकथित खुलासा” उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का एक सोचा-समझा प्रयास है। कंपनी ने यह भी कहा कि कोबरापोस्ट काफी समय से निष्क्रिय थी और अब उन संस्थाओं के फंड से चल रही है जिन्हें ग्रुप की संपत्ति हासिल करने में दिलचस्पी है।

कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप

कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में आगे आरोप लगाया गया है कि एडीए ग्रुप की कंपनियों ने कंपनी अधिनियम, फेमा, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून, सेबी के नियम और आयकर कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानूनों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर यह घोटाला 41,921 करोड़ रुपये से अधिक का बैठता है।

इसे भी पढ़ें: NCP अल्पसंख्यक विभाग की बैठक में बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष

कोबरापोस्ट ने दावा किया है कि उनकी यह जांच कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, सेबी, आरबीआई और एनसीएलटी जैसे आधिकारिक स्रोतों से मिले दस्तावेजों पर आधारित है। अब देखना यह है कि इन गंभीर आरोपों पर नियामक संस्थाएं क्या कार्रवाई करती हैं।

इसे भी पढ़ें: Amla Navami 2025: क्यों मानी जाती है यह अक्षय पुण्य की तिथि

Spread the news