नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के लिए यह एक बड़ा झटका है। बेल्जियम की एक अदालत ने उसे विदेशी नागरिक मानते हुए भारत को प्रत्यर्पित करने पर लगी कानूनी रोक को हटा दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मेहुल चोकसी पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए उसके भारत प्रत्यर्पण पर कोई रुकावट नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट के इस फैसले के बाद, भारत में उसे मुंबई की प्रसिद्ध आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जिसकी जानकारी बेल्जियम के अधिकारियों को दे दी गई है।

भारत ने सौंपी थी आर्थर रोड जेल की तस्वीरें

दरअसल, मेहुल चोकसी लगातार यह दावा कर रहा था कि भारत में उसे राजनीतिक प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार का ख़तरा है। चोकसी के इस डर को दूर करने के लिए, भारतीय एजेंसियों ने बेल्जियम कोर्ट में मुंबई की आर्थर रोड जेल की तस्वीरें और सुविधाओं का विस्तृत प्रेजेंटेशन पेश किया था। भारत की ओर से कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि मेहुल चोकसी को मानवीय परिस्थितियों में रखा जाएगा। इन दलीलों पर विचार करते हुए, कोर्ट ने पाया कि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि भारत में उसे टॉर्चर किया जाएगा या उसके खिलाफ अनुचित मुक़दमे चलाए जाएंगे।

बैरक नंबर 12 की खासियत

मेहुल चोकसी को जिस बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, वह हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए जाना जाता है। यह बैरक 46 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जिसमें दो कमरे और अटैच शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ हैं। इस बैरक में सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा गार्ड और सीमित मूवमेंट ज़ोन जैसी अलग सुरक्षा व्यवस्था है।

गौरतलब है कि मुंबई के 26/11 आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अजमल कसाब को भी इसी बैरक में रखा गया था। चोकसी को केवल अदालत में पेशी या मेडिकल कारणों से ही जेल से बाहर लाया जाएगा।

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मेहुल चोकसी पर हैं ये गंभीर आरोप

मेहुल चोकसी पर भारत में आपराधिक साज़िश, धोखाधड़ी, सबूत मिटाने और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध सम्मेलन (यूएनटीओसी) जैसे अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देकर बेल्जियम कोर्ट के सामने अपने मामले को मजबूती से रखा, जिसे बेल्जियम ने भी अनुमोदित किया है। इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी का भारत आना लगभग तय माना जा रहा है।

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