Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक ऐसा दांव खेला है जिसने सबका ध्यान खींच लिया है। पार्टी ने अपनी दूसरी उम्मीदवार सूची में 25 साल की मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर का नाम शामिल किया है। उन्हें दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है।
ये फैसला क्यों है चौंकाने वाला
मैथिली ठाकुर का राजनीति में आना इसलिए भी सुर्खियां बटोर रहा है क्योंकि वो बिल्कुल नया चेहरा हैं। कुछ ही दिन पहले ही उन्होंने BJP का दामन थामा था। युवा और साफ छवि वाली मैथिली को टिकट देकर पार्टी ने मिथिला क्षेत्र में एक साथ कई निशाने साधे हैं। इस कदम ने RJD और VIP पार्टी जैसे दलों की चिंता बढ़ा दी है।

कौन हैं मैथिली ठाकुर
मैथिली ठाकुर बिहार की शान हैं। 25 जुलाई, 2000 को मधुबनी के बेनीपट्टी में जन्मी मैथिली ने सिर्फ 4 साल की उम्र से संगीत सीखना शुरू कर दिया था। आज वो हिंदी, मैथिली, भोजपुरी और बंगाली समेत कई भाषाओं में गाना गाती हैं। YouTube पर उनके 1 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और उनके भजन व लोकगीत खूब वायरल होते हैं।
उनका पूरा परिवार संगीत से जुड़ा है। पिता रमेश ठाकुर संगीत शिक्षक हैं, भाई ऋषभ तबला वादक हैं और छोटा भाई अयाची भी गायक है। पांचवीं तक की पढ़ाई बेनीपट्टी में करने के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया। मैथिली ने ‘राइजिंग स्टार’ जैसे टीवी शो में हिस्सा लिया है और दुनिया भर में कॉन्सर्ट्स दे चुकी हैं।

BJP ने मैथिली को क्यों चुना
युवा और साफ छवि: 25 साल की मैथिली का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जो पार्टी की ‘सुशासन’ वाली छवि को मजबूत करता है।
मिथिला की बेटी: मधुबनी की रहने वाली होने के नाते उनकी सांस्कृतिक पहचान मजबूत है जो युवाओं और महिलाओं को आकर्षित कर सकती है।
ब्राह्मण वोट: अलीनगर में 15-20% ब्राह्मण वोटर हैं जिन्हें मैथिली एकजुट कर सकती हैं।
मुस्लिम वोटरों पर असर: उनकी समावेशी छवि और कला मुस्लिम मतदाताओं को रिझा सकती है।
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मैथिली के सामने क्या हैं चुनौतियां
RJD का मजबूत गढ़: अलीनगर पर RJD की पकड़ रही है और उनका मुस्लिम-यादव गठजोड़ मजबूत है।
जातिगत पहेली: ब्राह्मण होने का फायदा तो है, लेकिन मुस्लिम और यादव वोट साधना आसान नहीं होगा।
राजनीतिक अनुभव न होना: यह उनका पहला चुनाव है, जबकि विरोधी दलों के पास अनुभवी नेता हैं।
स्थानीय मुद्दों की जानकारी: बाढ़, सड़कों की कमी, कॉलेजों का अभाव जैसे मुद्दों पर उन्हें ठोस रणनीति बनानी होगी।
मैथिली ठाकुर का चुनाव मैदान में उतरना BJP की एक सोची-समझी रणनीति लगती है। युवा, लोकप्रिय और साफ छवि वाली मैथिली के पास RJD और VIP के गढ़ को तोड़ने की ताकत है। लेकिन क्या एक गायिका राजनीति के मैदान में जीत दर्ज कर पाएंगी? इस सवाल का जवाब 6 से 11 नवंबर के बीच होने वाली वोटिंग और 14 नवंबर को आने वाले नतीजों के साथ ही सामने आएगा।
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