सीतापुर: सीतापुर जिले के एक स्कूल में शिक्षिका की अनुपस्थिति को लेकर शुरू हुआ विवाद अब एक बड़ा राजनीतिक मामला बन गया है। इस कड़ी में, विवादों में घिरी शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। उनके वेतन को भी रोक दिया गया है।

निलंबन का कारण बताते हुए कहा गया है कि शिक्षिका अवंतिका गुप्ता पर 21 अगस्त से 20 सितंबर तक बिना अनुमति के स्कूल से अनुपस्थित रहने के आरोप हैं। उन्हें इस बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई में भी नहीं पहुंचीं। इसी आधार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित किया गया।

इससे पहले, स्कूल के बच्चों ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि शिक्षिका अवंतिका गुप्ता अक्सर स्कूल नहीं आती हैं, और जब आती भी हैं तो देर से आकर जल्दी चली जाती हैं।

यह पूरा विवाद तब सुर्खियों में आया जब महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अखिलेश प्रताप सिंह की बेल्ट से पिटाई का आरोप लगा। इस घटना के पीछे का कारण प्रधानाध्यापक की पत्नी सीमा वर्मा ने बताया।

उन्होंने कहा कि बीएसए उनके पति पर शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की गलत तरीके से हाज़िरी लगाने का लगातार दबाव डाल रहे थे। जब प्रधानाध्यापक ने इसका विरोध किया, तो बीएसए ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। पहले तीन साल का, फिर दस साल का ब्यौरा मांगा गया और फिर बीएसए कार्यालय बुलाकर दबाव बनाया गया। वहाँ हुई कहासुनी के बाद गुस्से में प्रधानाध्यापक ने बीएसए की पिटाई कर दी। इस घटना के बाद प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को भी निलंबित कर दिया गया था।

राजनीति भी घुली, स्कूल में पढ़ाई ठप

मामला राजनीतिक रंग भी दिखा रहा है। गुरुवार सुबह भाजपा विधायक आशा मौर्य स्कूल पहुंचीं और उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों से कक्षा का ताला तुड़वाया। हालांकि, बच्चों ने पढ़ने से इनकार कर दिया। वहीं, सीतापुर के सांसद राकेश राठौर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रधानाध्यापक के आक्रोश के पीछे के कारणों को भी समझने की जरूरत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानाध्यापक को भी पीटा गया था।

इसे भी पढ़ें: नक्सलवाद पर विजय, युवाओं की भूमिका और डिजिटल भारत का उदय

दूसरी ओर, सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि बीएसए और शिक्षिका अवंतिका गुप्ता एक ही जिले के रहने वाले हैं और शिक्षिका की अनुपस्थिति के मामले में प्रधानाध्यापक को ही प्रताड़ित किया जा रहा था।

इस पूरे विवाद का सीधा असर स्कूल के बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। बुधवार को अभिभावकों और बच्चों ने प्रधानाध्यापक को बहाल करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे स्कूल में पढ़ाई बंद पड़ी है। बीएसए ने दूसरे शिक्षक को भेजा, लेकिन अभिभावकों ने उन्हें पढ़ाने नहीं दिया। अब देखना है कि इस उलझे हुए मामले का हल कब और कैसे निकलता है और स्कूल में फिर से पढ़ाई का माहौल कब सामान्य हो पाता है।

इसे भी पढ़ें: नायना मर्डर केस का थ्रिलिंग ट्रेलर रिलीज

Spread the news