Jal Jeevan Mission: तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह आंकड़े झूठे हैं, ये बातें किताबी हैं। अदम गोंडवी की यह रचना उस समय यथार्त थी और आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। सरकारी आंकड़े हकीकत से किस कदर हटकर विकास की तस्वीर बताते हैं, इसे आप नमामि गंगे के जल जीवन मिशन के आंकड़ों को देखकर समझ सकते हैं। ये वे फर्जी आंकड़े हैं जो जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के हर घर नल से जल योजना के तहत आज उत्तर प्रदेश के अधिकत्तर ग्रामीण परिवारों तक जल पहुंचा रहे हैं। इन्हीं फर्जी आंकड़ों के बदौलत उत्तर प्रदेश ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ जल पहुंचाने में देश का न सिर्फ अग्रणी राज्य बना हुआ है बल्कि योगी सरकार को खुश करने के लिए इनामों की फुलझड़ी भी लगा दिया है। जबकि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की हकीकत आपको ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचते ही दिखने लगेगी। अधूरे नल कनेक्शन और पाइप डालने के नाम पर तोड़ी गई सड़के इस योजना की पहचान बन गयी है।
तरीफ सुनने की आदि हो चुकी योगी सरकार का हकीकत से कोई वास्ता नहीं रह गया है। भ्रष्ट अधिकारी सरकार को जितना बताते हैं और जो फर्जी आंकड़े दिखाते हैं, सत्ता के मद में चूर योगी आदित्यनाथ को वही सच नजर आने लगता है। शायद यही वजह है कि फर्जी आंकड़ों के बदौलत सरकारी धन का लूट करने वाले नमामि गंगे और जल जीवन मिशन के अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे चहेते बने हुए हैं। शिकायतों के बाद भी सीएम योगी एकबार भी हर घर नल से जल योजना को परखने के लिए प्रदेश के किसी क्षेत्र की हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। फिलहाल सत्ता का नशा बहुत बुरा होता है, लेकिन यह बात सत्तासीन को सरकार जाने के बाद पता चलती है। मजे की बात यह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से जुडेक बस्ती जिले के गौर विकासखंड के न्याय पंचायत बेलघाट में नल कनेक्शन देने में जो खेल किया गया है, ऐसा मजाक प्रदेश में अब तक के किसी की सरकार में नहीं हुआ था।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल प्रबंधन और जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश को चार महीने में तीन पुरस्कार प्रदान किये गए। जिन्हें विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को सौंपा। ग्रामीण इलाकों में घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने के साथ जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में शानदार काम के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उत्तर प्रदेश को देश में दूसरा स्थान मिला। बीते दिनों (अक्टूबर) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश को प्रदान किया था, जिसे गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा गया। सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उड़ीसा को पहला और गुजरात-पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला था।
चार माह में उत्तर प्रदेश को मिले तीन पुरस्कार
जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश को चार माह में तीन पुरस्कार मिले। हर घर नल योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक घरों तक नल से जल पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा स्वच्छता अभियान व अन्य नदी संरक्षण कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश को 13 जुलाई को स्कॉच गोल्ड अवार्ड मिला था। नोएडा इन्टरनेशनल ट्रेड शो-2024 में उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों और उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाने के लिए उत्तर प्रदेश को 27 सितंबर को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेस्ट डिस्प्ले अवार्ड प्रदान किया था। यह अवार्ड भी विभाग के अफसरों ने मुख्यमंत्री को सौंपा।
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जल संरक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया था। इस श्रेणी में उत्तर प्रदेश को दूसरा स्थान मिला था। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उप्र ने अपना यूनिक मोमेंटो बनाया है। गुरुवार को इसे भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया।
मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के अफसरों की पीठ थपथपाई
गुरुवार को मुख्यमंत्री को नमामि गंगे के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने यह पुरस्कार सौंपे। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति के अफसरों की पीठ थपथपाई। साथ ही निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। हर घर नल के तहत ग्रामीण इलाक़ों में निरन्तर स्वच्छ जल पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान विशेष सचिव बृजराज सिंह यादव, जलविज्ञानी अनुपम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
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