Diwali 2023: प्रकाश सभी को अच्छा लगता है, प्रकाश में हर चीज अपने सही रूप में दिखाई देती है। अंधकार में ठोकर लगने या उसके विकृत रूप में दिखाई देने की भूल हो सकती है। दीपावली भी प्रकाश का पर्व है, लेकिन यह अपने भीतर के प्रकाश का प्रतीक है। बाहर का प्रकाश तो हर हम रोज देखते हैं, लेकिन यह पर्व हमें अपने भीतर की जगत के दर्शन करवाता है। जब हम अपने परिश्रम व कर्माता से संगठित रूप में विश्व के कौन-कौन में दिव्या गुणों का प्रकाश फैलाएंगे, तभी सही मायने में दिवाली मनाएंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत आत्म ज्योति का प्रतीक दीपक जलाकर किया गया। छतरपुर क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी शैलजा बहन ने बताया कि हमें सभी से प्यार से व्यवहार करना है। जैसा हम अपने घर में पूरी सफाई करते हुए कोने-कोने से गंदगी को निकलते हैं। ठीक उसी प्रकार अपने मन के कोने-कोने से सभी बुराइयों को निकालना है। अपनी आत्मा रूपी ज्योति में परमात्मा ज्ञान का घी डालते रहना है, अपनी आत्मा ज्योति से हर एक आत्म रूपी ज्योति को जगाना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी राम बहन ने कहा कि दीपावली पर्व आत्मा की संपन्नता और विकारों पर विजय का यादगार पर्व है। इस शुभ अवसर पर हम सभी अपनी अवगुणों की आहुति देकर दिव्या गुना का आवाहन करें। नए संस्कार रूपी नए वस्त्र धारण कर अपनी कमी कमजोरी रूपी खाते को समाप्त करें। बाहरी सजावट के साथ-साथ अपनी आंतरिक सजावट पर भी ध्यान दें, अपने आंतरिक सुंदरता को बढ़ाएं।
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कार्यक्रम में मुख्य रूप से महालक्ष्मी की झांकी का आयोजन किया गया। श्री लक्ष्मी का महत्व बताते हुए कहा कि श्री लक्ष्मी घर में पधारती हैं तो क्यों न सदा के लिए मन पवित्र रखें, जिससे श्री लक्ष्मी स्थाई रूप से इस धरा पर पधारे। उक्त कार्यक्रम में संस्था के काफी आध्यात्मिक प्रेम उपस्थित थे। सब ने एक दीप जलाकर आने वाले समय में भी आत्मदीप जागृत रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कुमारी प्रीशा, कुमारी एलिस ने दीपावली बधाई गीत पर सुंदर प्रस्तुति दी। साथ ही इस पावन पर्व पर बीके माधुरी बहन, बीके रीना बहन, बीके कल्पना बहन ने सभी को दीपावली की बधाई दी।
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