Deoria Murder Case: बीते 2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद में छह लोगों की हत्या के बाद जहां इंसाफ की जा रही थी। वहीं मृतक प्रेमचंद यादव के समर्थक इतनी बड़ी घटना घटित होने के बावजूद भी दबंगई से बाज नहीं आ रहे। छह लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन जहां जमीन की पैमाइश कर वर्षों पुरानी रंजिश को खत्म करने का प्रयास कर रहा है, वहीं मृतक सपा नेता प्रेमचंद यादव के समर्थक एक तरफ कार्रवाई करने का आरोप लगाकर अधिकारियों के काम में अवरोध खड़ा कर रहे हैं। सपा समर्थक मामले को यादव बनाम ब्राह्मण करने में लगे हैं। जबकि पूरे मामले में पीड़ित मृतक सत्यप्रकाश का परिवार है। आरोप है कि सत्यप्रकाश दुके की जमीन पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने कब्जा कर रखा था।
फिलहाल इतनी बड़ी घटना होने के बाद अब इस मामले का पटाक्षेप होना जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बोल चुके हैं कि मामले में किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। बावजूद इसके पूरे मामले में यादववाद हावी नजर आ रहा है। सोमवार को प्रेमचंद यादव की अवैध कब्जों की पैमाइश करने पहुंची राजस्व की टीम को उसके समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। प्रेमचंद यादव की जमीन का पैमाइश कराने का उनके समर्थकों ने विरोध किया। तहसी प्रशासन ने जब उन्हें ऐसा करने से मना किया तो वह भड़क उठे और नारेबाजी करने लगे। पैमाइश में बाधा उत्पन्न होने पर तहसील प्रशासन ने पुलिस बुला ली, जिसके बाद जैसे-तैसे पैमाइश शुरू हो पाई।
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एक तरफ कार्रवाई या सपा की राजनीति
प्रेमचंद यादव के समर्थकों की तरफ से पूरे मामले में प्रशासन पर एक तरफ कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास शुरू हो गया है। क्योंकि बिना जमीन की पैमाइश के विवाद का हल निकाल पाना संभव नहीं है। वहीं सवाल यह भी है कि प्रशासन अगर एक तरफा कार्रवाई करता तो सत्यप्रकाश दुबे परिवार की हत्या का मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्र की जगह कोई और होता। फिलहाल पूरे मामले को यादव बनाम ब्राह्मण करने में काफी हद तक सपा सफल भी हुई है। पूरा परिवार खो चुके सत्यप्रकाश दुबे के बच्चे जहां बेबस नजर आ रहे हैं, वहीं भूमाफिया के सपोर्ट में समाजवादी कुनबा खड़ा हो गया है। हालांकि, भड़काऊ पोस्ट करने पर पुलिस ने अब तक कई सपा समर्थकों पर केस दर्ज कर चुकी है।
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