Astrology: कुंडली में अगर शुक्र अस्त हो गया तो आप यह समझ जाइए जीवन में हर तरह से हर चीजों का अस्त होना। चाहे जीवन का सुख ऐश्वर्य हो या वैवाहिक जीवन हो या हमारी धन दौलत हो शुक्र अस्त होने पर कुंडली में बहुत सारी कठिनाइयां सामने आती है। ऐसा जातक जिंदगी भर स्ट्रगल ही करता रहता है, मेहनत करता रहेगा, लेकिन मेहनत का फल उसको कभी भी नहीं मिल पाता। क्योंकि शुक्र का जो सिंबल भी है वह एक बैल का है, तो कहने का मतलब यह हो जाता है कि बेल की तरह ही जातक हो जाता है।
उसे हमेशा आलस आता रहेगा, आलसी रहेगा जैसे कि एक खेत जोता हुआ बैल होता है। इस तरह से उस जातक का रहन-सहन हो जाता है। लेकिन अगर पुरुषों का शुक्र अस्त हो जाए, तो सभी कामों में रुकावटें आनी शुरू हो जाती है। सबसे ज्यादा असर पड़ता है वैवाहिक जीवन पर। वैवाहिक जीवन अगर हमारा है, तो वहां पर शुक्र अस्त हो गया, तो हमें फिजिकल हर तरह से परेशानी आनी शुरू हो जाती है। और फिर वैवाहिक जीवन में खटपट होनी शुरू हो जाती है। तो अगर कुंडली में शुक्र अस्त हो रहा हो तो उसको हम पूजा पाठ, अनुष्ठान या फिर कोई भी रत्न धारण करने से हमारा शुक्र जो है उजागर हो जाता है।
ये 100% सत्य है मैंने बहुत लोगों को उपाय बताए भी हैं और उनका पूजा पाठ करके भी दिया है। जिन लोगों के जीवन में बहुत अंधकार हो गया था। लेकिन अब उपाय करके उनको एक काफी अच्छे उनको ऊर्जा जो है वह प्राप्त हुई है। ऊर्जा प्राप्त तभी होती है, जब हम उस ग्रह को लेकर के उसकी पूजा पाठ करते हैं और उसका नियम से उपाय करते हैं। लेकिन हां, अगर हम कोई उपाय करें या हम पूजा पाठ करें तो सबसे पहले विश्वास होना जरूरी होता है। अगर हमारा विश्वास नहीं होता इन चीजों में तो हमें उसकी सफलता नहीं मिलेगी। आप कितना उपाय कर लीजिए, आपको सफलता प्राप्त नहीं होगी, क्योंकि आपने उस उपाय के प्रति विश्वास ही नहीं बना रखा है।
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नोट: कुंडली विश्लेषण करने के बाद ही उपाय करें या कोई भी रत्न धारण करें, क्योंकि कुछ ग्रह ऐसे होते हैं, जिनके हमें उपाय या रत्न धारण नहीं करने चाहिए। क्योंकि कुंडली के 12 भाव होते हैं 12 भाव के अनुसार ही रत्न धारण करने चाहिए। कुछ उपाय उतारे किए जाते हैं, कुछ उपाय का हम दान पूर्ण करते हैं।
इसलिए उपाय हमेशा कुंडली विश्लेषण के बाद करेंगे, तो आपको उसका ज्यादा असर होता है नहीं, तो कभी-कभी क्या होता है। हमें अच्छा प्रभाव न मिलने से उसका हमें बुरा प्रभाव जरूर मिल जाता है।
पं. वेद प्रकाश तिवारी
ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
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