प्रकाश सिंह
Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और गोंडा जनपद के कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan) के खिलाफ महिला पहलवानों का प्रदर्शन अब पूरी तरह से राजनीतिक हो चला है। हालांकि खिलाड़ियों के अचानक विरोध को देखते हुए शुरू से ही इसे सियासी माना जा रहा था। लेकिन बीजेपी विरोधी दलों ने किसानों के बाद पहलवानों को हथियार बनाकर उनके मान-सम्मान को गर्त में धकेल दिया। बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan) के खिलाफ पहलवानों की लड़ाई ऐसे मोड़ पर आ गई है कि सरकार और खिलाड़ियों की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं। पहलवानों का मजबूत पक्ष यह है कि उन्होंने गोल्ड मेडल लाकर विदेशी धरती पर न सिर्फ भारत का मान बढ़ाया, बल्कि अपनी प्रतिभा का दुनिया में लोहा मनाया। लेकिन बीते कुछ दिनों से देश में जो कुछ हो रहा है, उससे खिलाड़ियों और भारत दोनों की छवि धूमिल हो रही है। पहलवानों ने 10 मई को अपने मेडल को हरिद्वारा गंगा में बहाने के नाम पर जो ड्रामा किया उससे हर कोई हैरान है।
विनेश फोगाट (Vinosh Phogat) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने मंगलवार सुबह से ही सोशल मीडिया पर मेटल गंगा में प्रभावित करने और मेडल को समेटन का वीडियो जारी कर लोगों की सहानुभूति और सरकार पर दबाव बनाने को जो प्रयास किया, शाम को हरिद्वार पहुंचने के साथ वह बेनकाब हो गया। साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और विनेश फोगाट (Vinosh Phogat) के इस एलान के बाद उनके समर्थक और सरकार विरोधी नेता इसको लेकर पीएम मोदी के खिलाफ मुखर हो गए। लेकिन किसी ने यह अपील नहीं की कि उनका यह फैसला गलत है और वह मेडल गंगा में विसर्जित करने का फैसला डाल दें।
शाम होते ही पहलवान समर्थकों के साथ हरिद्वार पहुंचीं और घाट पर बैठकर रोना शुरू कर दिया। इधर बीच किसान नेता नरेश टिकैत अपने लाव लश्कर के साथ हरिद्वार के लिए निकले और वहां पहुंचकर पहलवानों को समझाकर मेडल प्रभावित न करने के लिए मना ले गए। साथ ही उन्होंने सरकार को पांच दिनों के अंदर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी करने की चेतावनी भी दे डाली। इस पूरे घटना क्रम से यह साफ होने लगा है कि मामला पूरी तरह से सियासी हो चुका है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। उनके खिलाफ जांच भी चल रही है।
ऐसे में पहलवानों के प्रदर्शन से क्या संकेत निकल रहा है। साथ ही पहलवानों की मांग पर गौर किया जाए तो उसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। विनेश फोगाट ने नेशनल ने खेलने की जगह सीधे ओलंपिक खेलने की मांग करके आखिर क्या साबित करना चाहती है। जब हर खेल का नियम है, तो वह नियम से खुद को क्यों ऊपर करना चाहती हैं। उनके इस प्रदर्शन और विवाद के चलते देश के लिए कुछ कर गुजरने वाले खिलाड़ियों के भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है। विनोशा फोगाट और साक्षी मलिक के साथ अगर कुछ गलत हुआ है तो उसका सबूत पेश करें और पुलिस की जांच में सहयोग करें।
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बृजभूषण शरण सिंह के बाहने बीजेपी को घेरने की साजिश
गोंडा जनपद के कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह काफी दबंग किस्म के माने जाते है। क्षेत्र में उनका अपना वर्चस्व है। बृजभूषण शरण सिंह न खुद चुनाव जीतते हैं, बल्कि जिले की कई सीटों को जितवाते भी हैं। शायद यही वजह है कि बीजेपी उनकर कोई सख्त एक्शन लेने से बच रही है। वहीं पहलवानों के साथ खड़े विपक्षी दल भी बृजभूषण शरण सिंह का विरोध छोड़कर बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। सबकी निगाहें बृजभूषण शरण सिंह पर टिकी हैं। सभी उनको अपने पाले में लाने की ताक में हैं। वहीं बृजभूषण शरण सिंह भी अपना दबदबा दिखाने के लिए जल्द ही अयोध्या से हुंकार भरने वाले हैं। फिलहाल प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों को सोचना होगा कि जब उन्होंने अपने कौशल से देश का मान बढ़ाया, तो पूरे देश ने उन्हें सिर आंखों पर बिठा लिया। लेकिन ऐसी क्या वजह हुई कि देश का मान बढ़ाने वाले पहलवान आज देश की साख गिरा रहे हैं। जबकि इससे पहले पहलवानों का बृजभूषण शरण सिंह से किस तरह का रिश्ता था वह जगजाहिर है।
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