लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के गठन के बाद से ही इस बार के रिजल्ट ने जल्द आने का नया इतिहास रचा है। इससे पहले 2019 में परीक्षा परिणाम 27 अप्रैल को जारी किया गया था। माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से इस बार 16 फरवरी से चार मार्च तक दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया था। परीक्षा में 58 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। इसके बाद 18 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करा दिया गया।
पहली बार परिणाम इतनी जल्दी जारी हुआ
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के अनुसार 1923 में यूपी बोर्ड के गठन के बाद पहली बार परीक्षा परिणाम इतना जल्द जारी हुआ है। यदि पुराने रिकॉर्ड पर नजर डाले तो अब तक अप्रैल में सिर्फ दो बार यूपी बोर्ड के नतीजे घोषित किए गए हैं। एक बार 2018 में 29 अप्रैल को तथा दूसरी बार 2019 में 27 अप्रैल को जारी हुआ था। ऐसे में यूपी बोर्ड इस बार 27 अप्रैल से पहले परिणाम घोषित कर एक और रिकॉर्ड स्थापित किया है। परीक्षा के समय से ही जल्द परिणाम घोषित करने के लिए शासन स्तर से ही तैयारी शुरू कर दी गयी थी। इसके लिए 18 मार्च को उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया गया था। इसके लिए दो सौ से अधिक जांच केंद्र बनाए गये थे। इसके साथ ही रिजल्ट के लिए कंप्यूटर फिटिंग आदि का काम भी शुरू कर दिया गया था। आखिर यूपी बोर्ड के अधिकारियों, अध्यापकों के मेहनत का परिणाम मिला और 25 अप्रैल तक ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया।
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दी बधाई
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी ने इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और अध्यापकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतर्कता और अधिकारियों व कर्मचारियों के मेहनत का परिणाम है, जिससे इतना जल्द रिजल्ट जारी करने में सफल रहे। यूपी बोर्ड के निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि इस परिणाम को जारी करने में सभी अधिकारी, कर्मचारी और अध्यापकों का सहयोग रहा।