Kanpur News: कानपुर देहात (Kanpur Dehat Case) में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम के सामने जो कुछ भी हुआ वह किसी सरकार के लिए कलंक से कम नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेलगाम अफसरशाही गरीबों परिवारों की जान लेने में कोई संकोच नहीं कर रही है। सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जनता की समस्या से बेपरवाह अधिकारियों की मनमानी पर आंख मूंदे हुए है। आलम यह है कि मिड डे मील योजना में बच्चों को नमक रोटी खाने की खबर चलाने पर व्यवस्था सुधारने की जगह पत्रकार को जेल में डाल दिया जा रहा है। सरकार के क्रिया कलापों को देखकर ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में जनता की चुनी हुई सरकार की जगह तानाशाही चल रही है। हर बात पर बिना नोटिस, बिना चेतावनी के आशियानों पर बुलडोजर चलाने की नीति के चलते कानपुर में अतिक्रमण हटाने की गई प्रशासनिक क्रूरता की शिकार ब्राह्मण परिवार हुआ है। परिवार का न सिर्फ आशियाना छिन गया, बल्कि प्रशासन की आग में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई।
मां-बेटी की मौत की घटना से जहां हर कोई आहत नजर आ रहा है, वहीं सरकार के साथ-साथ विपक्षी पार्टियां विभत्स घटना पर सियासी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी है। विपक्षी दलों को जहां ब्राह्मण परिवारों की चिंता सताने लगी है, वहीं सरकार जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की जगह पीड़ित परिवार से सौदेबाजी शुरू कर दी है। हालांकि शासन प्रशासन के दबाव, प्रभाव और समझौते के बीच मां-बेटी की बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार के बाद मृतक महिला के बेटे शिवम दीक्षित ने बताया कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भरोसा दिलाया है कि हमारी मांगें पूरी की जाएंगी। दोनों भाइयों को 1 करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी, आवासीय क्वार्टर और एक जमीन का पट्टा दिया जाएगा। इसके अलावा हमारे पिता को आजीवन पेंशन दी जाएगी। देर शाम राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए का चेक दे दिया गया है।
इसे भी पढ़ें: फेक नैरेटिव का डटकर मुकाबला करें आईआईएस अधिकारी
वहीं सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी और मजिस्ट्रेट के जांच के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि 12 फरवरी की शाम को कानपुर देहात जिले में रूरा थाना क्षेत्र के मंडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान झोपड़ी में आग लगने से उसमें बंद मां-बेटी की जलकर मौत हो गई। घटना के बाद इस मामले में 39 लोगों की एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में एसडीएम और लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
इसे भी पढ़ें: Kanpur Dehat: बेशर्म डांस वाली डीएम पर सस्पेंस बरकरार