मुम्बई। पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में जालसाजी और धनशोधन के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में एक ब्रिटिश अदालत का फैसला आ जाने के साथ ही मुम्बई की आर्थर रोड जेल ने उसे रखने के लिए एक विशेष कोठरी तैयार कर ली है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
जेल अधिकारी ने बताया कि नीरव मोदी को यहां लाये जाने के बाद उसे अतिसुरक्षा वाले बैरक नंबर 12 की तीन कोठरियों में से एक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जेल में नीरव मोदी को रखने की तैयारी पूरी कर ली गयी है और उसे जब भी प्रत्यर्पित कर लाया जाएगा, तो उसके लिए जेल की कोठरी तैयार है।’’ ब्रिटेन के एक न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को कहा कि नीरव मोदी को अपने खिलाफ मामले में भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है और ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिससे संकेत मिलता हो कि भारत में उसके मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। नीरव मोदी प्रत्यर्पण के विरूद्ध करीब दो साल की अपनी कानूनी लड़ाई हार गया। आरोपों की गंभीरता की वजह से उसे बार- बार जमानत से वंचित होना पड़ा और वह मार्च, 2019 में गिरफ्तारी के बाद से लंदन की एक जेल में है। महाराष्ट्र के जेल विभाग ने 2019 में केंद्र को जेल की स्थिति और नीरव मोदी को रखने के लिए सुविधाओं के बारे में जानकारी दी थी।
आर्थर रोड जेल का इतिहास
मुंबई सेंट्रल जेल को आर्थर रोड जेल भी कहा जाता है। इसका निर्माण 1926 में किया गया था। यह मुंबई की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी जेल है। शहर के अधिकांश कैदियों को इसी मेंं रखा जाता है। सेंट्रल जेल बनाने के लिए इसे 1994 में अपग्रेड किया गया था और वर्तमान आधिकारिक नाम दिया गया था, लेकिन अभी भी इसे आर्थर रोड जेल के नाम से ही जाना जाता है। यह जेल 2 एकड़ (0.81 हे॰) जमीन पर स्थित है।