बस्ती: विश्व श्रमिक दिवस (World Labor Day) के अवसर पर रविवार को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ एटक (Uttar Pradesh Electricity Employees Union AITUC) द्वारा हाईडिल कालोनी स्थित यूनियन भवन पर अध्यक्ष कामरेड अशर्फीलाल के संयोजन में गोष्ठी का आयोजन किया गया। शहीद वेदी बनाकर शिकागो के अमर शहीदों को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत सहित विश्व स्तर पर मजदूर लगातार मजबूर होता जा रहा है। कामरेड अशर्फीलाल ने कहा कि काम के 8 घंटे तय किये जाने को लेकर अमेरिका से जो संघर्ष शुरू हुआ वह सिलसिला अभी तक जारी है। कहा कि जिस दिन देश के मजदूर शिकागो के अमर शहीदों के बलिदान को आत्मसात कर लेंगे दुनियां से मजदूरों पर होने वाले जुल्म, अत्याचार समाप्त होने लगेगा।
सीटू नेता कामरेड केके तिवारी ने दुनियां में आ रहे बदलाव, पूंजीपतियों द्वारा शोषण, श्रमिक कानूनों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भारत के श्रमिक सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। कोरोना काल ने संकट और बढ़ा दिये है। ऐसे में एकजुटता से ही श्रमिकों की समस्या का समुचित हल हो सकेगा। कामरेड सूर्यदेव सिंह, रमेश सिंह, अनिल सिंह, रामलौट, रणविजय सिंह, अमित मिश्र, धर्मध्वज सिंह, राम प्रसाद आर्य, रामगनी चौधरी, राधापति पाठक आदि ने कहा कि जब तक श्रमिक वर्ग आपस में बिखरा रहेगा समस्याओं का हल निकलना संभव नहीं है। आज सबसे बड़ी जरूरत एकजुटता को मजबूत करने की है।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कामरेड कंवलजीत कौर ने कहा कि कोरोना संकट काल के बाद श्रमिकों की स्थितियां विकट हो गई। लाखों की संख्या में लोगों की नौकरियां चली गई। सरकार और मालिकानों की भूमिका श्रमिकों के प्रति संकटकाल में संवेदनहीन ही बनी रही। नये श्रम कानूनों ने श्रमिकों का संकट बढ़ा दिया है। संविदा की नौकरियां युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ है। इसे बंद किया जाना चाहिये। इस अवसर पर कामरेड अशर्फीलाल केे निरन्तर सक्रियता को देखते हुये उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गजेन्द्र श्रीवास्तव, रामकुमार मौर्य, कृष्णा चौधरी, रमेश चौधरी, लालता प्रसाद, अरूण राज, रमेश मिश्र के साथ ही विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, श्रमिक उपस्थित रहे।
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