
लखनऊ: लड़ाई कोई भी आसान नहीं होती। मगर लड़ाई जब भ्रष्टाचार के खिलाफ हो तो इसके परिणाम सबक देने वाले होते हैं। विभाग अगर सरकारी हो और उसमें भ्रष्टाचार न हो यह संभव नहीं है। यह हम नहीं कहते बल्कि सरकारी कार्यालयों में अटके मामले और इंसाफ के लिए चक्कर लगाने वाले फरियादी बताते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले बस्ती जनपद के सुदृष्टि नारायण त्रिपाठी की मेहनत रंग लाई है और अधूरी जानकारी देकर राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश को गुमराह करने वाले दो अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही के साथ 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगा है।
जानकारी के मुताबिक सुदृष्टि नारायण त्रिपाठी की तरफ से आरटीआई के तहत मांगी कई सूचना उपलब्ध न कराने पर राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश ने उपनिदेशक पंचायत लखनऊ मंडल के 2022 में कार्यरत उपनिदेशक गिरीश चंद्र रजक एवं वर्तमान में उपनिदेशक पंचायत लखनऊ मंडल शाश्वत आनंद दोनों के ऊपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना दोनों उपनिदेशक पंचायत लखनऊ मंडल पर सूचना न देने की वजह से लगाया गया है। जिसके तहत दोनों अधिकारियों को आधा-आधा यानी 12500 रुपये देने होंगे।
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इसके अतिरिक्त दोनों के ऊपर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव पंचायत उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित किया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद निवासी सुदृष्टि नारायण त्रिपाठी की और से 2022 में उपनिदेशक पंचायत लखनऊ मंडल द्वारा ग्राम पंचायत के निरीक्षण के संदर्भ में मांगी गई सूचना के क्रम में अधूरी सूचना देने के कारण उपरोक्त कार्रवाई की गई है।
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