World Suicide Prevention Day: इन दिनों दुनियाभर में खुदकुशी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, विश्व में आत्महत्याओं का आंकड़ा काफी चिंताजनक है। लोगों में अवसाद निरंतर बढ़ रहा है, जिसके चलते कुछ लोग आत्महत्या जैसा हृदय विदारक कदम उठा बैठते हैं। आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में आज जागरूकता बढ़ी है। लेकिन अभी भी आम जनमानस के बीच इसको लेकर जागरुकता काफी कमी है। ऐसे में आम जनमानस के बीच आत्महत्या जैसी हृदय विदारक घटनाओं को रोकने के लिए और जागरुकता को बढ़ावा देने के 10 सितंबर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यह दिन पहली बार 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) द्वारा स्थापित किया गया था और अब दुनिया भर के 40 से अधिक देशों द्वारा मनाया जाता है। देश और दुनिया में हो रही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और आम-जनमानस के बीच जागरुकता लाने के लिए वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, कनाडा के मनोचकित्सक प्रोफेसर अमरेश श्रीवास्तव ने “एक आग का दरिया है” वर्कशाप का आयोजन किया। इस वर्कशाप के माध्यम से समाज के प्रबुद्ध लोगों से ऑनलाइन जुड़े और सबने मिलकर दिन प्रतिदन भयावह हो रही स्थिति से निपटने के लिए गहन मंथन किया।
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विशेष तौर पढ़ाई कर रहे छात्रों को लेकर इस वर्कशाप में चर्चा की गई। इस चर्चा में ये बात भी निकलकर सामने आयी, कि छात्रों के अंदर से तनाव कम करने के लिए और उन्हें अवसाद से बचाने के लिए योग, मेडिटेशन, इस बारे में पाठ्यक्रम सहायक साबित हो सकते हैं। ऐसे में इन्हें न सिर्फ दिनचर्चा में शामिल करना होगा, बल्कि, स्कूलों को भी इसके लिए पहल करनी होगी। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों को भी इस विषय पर आपस में खुलकर बात करनी होगी और एक दूसरे की जरूरतों, भावनाओं को समझना होगा। परस्पर सहयोग और आपसी समझ से ही छात्रों के भीतर पनप रहे तनाव को खत्म किया जा सकता है।
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