Jewar International Airport: उत्तर प्रदेश के जेवर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज से विमानों का ट्रायल शुरू हो गया है। इंडिगो एयरलाइंस का पहला विमान यहां सफलतापूर्वक लैंड हुआ, जिसके साथ ही इस एयरपोर्ट को वाणिज्यिक उड़ानों के लिए तैयार होने का रास्ता साफ हो गया है। विमान की लैंडिंग के दौरान उसे वॉटर कैनन से सम्मानित किया गया, जो इस ऐतिहासिक घटना का प्रतीक बन गया।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय का सशक्त समर्थन
जेवर एयरपोर्ट के ट्रायल के सफल संचालन पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया और इस प्रोजेक्ट की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जो व्यापक रूप से विकास को बढ़ावा देगा। मंत्रालय की ओर से हर संभव सहयोग की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता देश में एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ने वाली है।
बिना यात्री के की गई लैंडिंग
आज के ट्रायल में विमान में कोई यात्री नहीं थे। केवल चालक दल के सदस्य मौजूद थे। एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षा और संचालन से संबंधित सभी जरूरी परीक्षण पूरे किए गए, जिसके बाद विमान ने बिना किसी समस्या के जेवर एयरपोर्ट पर लैंड किया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और पायलट के बीच सतर्कता से समन्वय स्थापित करते हुए यह लैंडिंग की गई, जो इस एयरपोर्ट की सुरक्षा प्रणाली की प्रगति का संकेत है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Noida International Airport Limited (NIAL) conducts the first flight validation test for Noida International Airport ahead of the airport’s commercial opening in April 2025. pic.twitter.com/C3axT4mZeH
— ANI (@ANI) December 9, 2024
जेवर एयरपोर्ट का रनवे और विशेषताएं
जेवर एयरपोर्ट का रनवे विशेष रूप से तैयार किया गया है और इसका कुल लंबाई 3.9 किलोमीटर है। इसे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट अथॉरिटी की तकनीकी सहायता से डिजाइन किया गया है। रनवे की लंबाई और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इसे आधुनिकतम तकनीक से तैयार किया गया है। इस ट्रायल के सफल होने के बाद, जेवर एयरपोर्ट को अप्रैल 2024 से वाणिज्यिक उड़ानों के लिए खोल दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट का विस्तार
जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश में हवाई यात्रा के नए युग की शुरुआत है। यह राज्य का पांचवां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में तीसरे वाणिज्यिक एयरपोर्ट के रूप में जेवर एयरपोर्ट का महत्व और बढ़ जाता है, जो पहले से ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हिंडन एयरपोर्ट के रूप में स्थापित हैं।
आने वाले समय में रोजगार और विकास
जेवर एयरपोर्ट के पूरा होने से इस इलाके में न केवल हवाई यात्रा की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। एयरपोर्ट के आसपास विभिन्न व्यवसायिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी महत्वपूर्ण सुधार होगा।
इस ट्रायल के सफल होने के बाद, अगले चरण में अन्य परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस दौरान हवाई सुरक्षा, विमान संचालन, और आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली की सख्त जांच की जाएगी। अप्रैल 2024 से जेवर एयरपोर्ट का वाणिज्यिक संचालन शुरू होने के बाद, यह एक प्रमुख हवाई अड्डा बनकर उभरेगा, जो देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जुड़ेगा। इस प्रकार, जेवर एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि समूचे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक प्रमुख हवाई यातायात केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।