नैसर्गिक मानवीय मूल्यों का सनातन स्वरूप है महाकुंभ

आचार्य संजय तिवारी कुंभ नगर, प्रयागराज: प्रकृति, संस्कृति और विकृति के त्रिगुण को संतुलित कर पवित्र त्रिवेणी रच पाना बहुत ही कठिन है। यह तीन गुण सनातन संस्कृति की व्याख्या…

1966 का प्रयाग का अद्भुत महाकुम्भ!

श्याम कुमार गृहनगर इलाहाबाद में 2 नवम्बर, 1961 को पत्रकारिता में आने के बाद मैंने वहां आयोजित प्रत्येक महाकुम्भ एवं कुम्भ की जितनी गहन एवं व्यापक कवरेज की, उतनी किसी…