प्रेम से ही देश है और साहित्य प्रेम का पर्याय हैः प्रो. द्विवेदी

नई दिल्ली: “प्रेम हमारी आवश्यकता है। हम सब उसे पाना चाहते हैं, लेकिन उससे पहले हमें प्रेम देना सीखना होगा, क्योंकि प्रकृति का नियम है जो देता है उसे ही…

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