Prerak Prasang: सुख और दुख
Prerak Prasang: मेरे आत्मन! यह जो दुनिया है, यह दो पर टिकी है। दो पर न टिकी होती तो इसका नाम दुनिया नहीं, इकनिया होता। सही बात है। यहाँ जो…
Prerak Prasang: मेरे आत्मन! यह जो दुनिया है, यह दो पर टिकी है। दो पर न टिकी होती तो इसका नाम दुनिया नहीं, इकनिया होता। सही बात है। यहाँ जो…