हिन्दी के मौलिक स्वरूप के प्रति आदर और बढ़ा है

सरपट, सपाट, बताशा, भगदड़ जैसे हिन्दी के 367 शब्दों को अंग्रेजी ने दो वर्षों में अपनाया है। इसके लिए इंग्लिश के विद्वानों की समिति समय-समय पर निर्णय करती है। उनकी…

हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज…

डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान

मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश…