नए साल में कैलेंडर की तरह जिंदगी भी बदल जाए तो बेहतर

यह साल जा रहा है, बहुत सी कड़वी यादें देकर। कोरोना और उससे उपजे संकटों से बने बिंब और प्रतिबिंब आज भी आंखों में तैर रहे हैं और डरा रहे…

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