अविकृत शेष है सनातन
मनुष्य की यात्रा सृष्टि के साथ ही चल रही है। इस यात्रा में सभ्यताएं विकसित होती हैं, परिभाषाएं गढ़ती हैं और समाप्त भी हो जाती हैं। सृष्टि के साथ ही…
मनुष्य की यात्रा सृष्टि के साथ ही चल रही है। इस यात्रा में सभ्यताएं विकसित होती हैं, परिभाषाएं गढ़ती हैं और समाप्त भी हो जाती हैं। सृष्टि के साथ ही…