लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गन्ना विकास के अंतर्गत राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 20 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल सोसायटियों के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना उत्तर प्रदेश की मिठास को पूरी दुनिया के अंदर पहुंचाता है। पिछले छह वर्ष की गन्ना विभाग के पास अनेक उपलब्धियां उनके पास है। सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन में भी बदल गया और चीनी मिल ही नहीं सबसे ज्यादा एथेनाल ही नहीं बल्कि सबसे ज्यादा यूनिट वाला राज्य भी आज उत्तर प्रदेश है। यह इस क्षेत्र में किए गए कार्य (रिफार्म) के परिणाम हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को छह वर्ष पहले पर्ची के लिए परेशान होना पड़ता था। पर्ची की चोरी, घटतौली के लिए जाना जाता था। कोई चीनी मिल ऐसी नहीं थी कि वहां किसान आंदोलन न होते रहे हों। अंत में चीनी मिल बंद होने के कारण गन्ना किसानों को आग लगाना पड़ता था। किसान परेशान होता था, गन्ना भेजने के बाद पैसे का भुगतान नहीं होता था। वर्षों-वर्षों तक गन्ना मूल्य बकाया रहता था। लेकिन छह वर्ष में सबसे पहले प्रधानमंत्री का आभारी हूं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश और देश के गन्ना किसानों के बारे में बहुत सकारात्मक भाव के साथ उस प्रकार के कार्यक्रम लागू करवाए।
मिशन मोड में किया गया गन्ना किसानों का भुगतान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उप्र में 2017 में हमारी सरकार आई और 2010 से लेकर 2017 के बीच का गन्ना मूल्य बाकी था। इसे मिशन मोड के तहत खत्म करने का निर्णय लिया गया। गन्ना मूल्य का भुगतान करते-करते हम आगे बढ़ें। चीनी मिल मालिक भी हमारे पास आए। चीनी मिलों की समस्याओं का समाधान भी हमने किया। पर्ची की चोरी और घटतौली से मुक्त कराया। चीनी मिल मालिकों से गन्ना किसानों के लिए संवाद कर सकारात्मक भाव पैदा किया।
प्रधानमंत्री ने एथेनाल बनाने की मिल मालिकों को दी मंजूरी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चीनी मिल साइकिल की तरह है। यहां डिमांड के हिसाब से कार्य करना पड़ता है। जब चीनी ज्यादा हो जाएगी और डिमांड नहीं होगी तो डम्प पड़ी रह जाती है और मार्केट में दाम भी नहीं मिलता है। इससे मिल मालिकों को भुगतान करने में समस्या आती थी। मिल मालिकों को एथेनाल बनाने की परमीशन के सम्बंध में हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और इस पर उन्होंने सहमति दी। अब ज्यादातर चीनी मिलें चीनी उत्पादन के साथ-साथ एथेनाल बनाने का काम भी कर रही हैं और उप्र अब ग्रीन एनर्जी का माध्यम भी बन चुका है। आज न केवल सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य है बल्कि सर्वाधिक चीनी और एथेनाल बनाने वाला राज्य भी है। इसी का उदाहरण आज यहां देखने को मिला जहां चीनी मिल मालिकों को सम्मानित किया गया वहीं गन्ना उत्पादन करने वाले किसान भी सम्मानित हुए हैं।
महिला समूह भी प्रदेश को कर रहीं आर्थिक दृष्टि से मजबूत
प्रदेश की चीनी मिलें सबसे ज्यादा रिकवरी दे सकती हैं। इस क्षेत्र में महिला स्वयंसेवा समूह की भूमिका भी अहम है। वह प्रदेश की आर्थिक मजबूती में सहयोग कर रही हैं। गन्ना विभाग ने छह सालों में कुछ अलग और बेहतर करके दिखाया है। खाड़सारी में नकद भुगतान अलग किया गया है। एथेनाल का भुगतान अलग हुआ है। 100 मिले ऐसे हैं कि एक हफ्ते में कर रही हैं। अन्य मिलों को भी इस दिशा में काम करना पड़ेगा। चार बंद मिलों को गन्ना विभाग ने चलवाया और दो अन्य नई चीनी मिलें भी स्थापित की गई।
किसानों के नाम पर राजनीति करते रहे चौधरी चरण सिंह
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा कहे जाते थे। उन्होंने 1980 के दशक में कहा था कि छपरौली की चीनी मिल का पुर्नरूद्धार होना चाहिए। कोई नहीं कर पाया। उनके नाम पर सरकारें बनती रहीं, बिगड़ती रहीं। लोक आते गए, जाते गए, लेकिन उन किसानों के बारे में नहीं सोचा, जिनके नाम पर राजनीति होती रही। हमारी सरकार ने छपरौली में चीनी मिल स्थापित करके गौरव की अनुभूति होती है।
पिछली सरकारों में किसानों पर चलती थीं गोलियां
उन्होंने कहा कि बस्ती में गन्ना किसानों पर गोली चलाई गई। पिछली सरकारों में किसानों पर गोली चलती थी हमारी सरकार में यह नहीं होता है। हमारी सरकार नई चीनी मिल को स्थापित करने का काम करती है। किसानों की खुशहाली लाने का काम करते हैं। किसानों को मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर खेती के बजाए हमें प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। इससे धरती मां की खुशहाली के साथ-साथ किसानों की खुशी देने वाली बनती हैं।
इन्हें किया गया सम्मानित
उत्कृष्ट गन्ना उत्पादन करने पर बागपत के चरण सिंह व राजेन्द्री देवी, जगदीश प्रसाद ग्राम पिंडारी जिला बरेली को सम्मानित किया। लखीमपुर से रामपाल, अचल कुमार मिश्रा, देविश आर्य, महिला स्वयंसेवा सहायता समूह पूजा चौहान, कु0 कुसुम, कु0 पूनम पाली, मधु, रंजीत कौर, वेदप्रकाश, अजीत कुमार सिंह, मनोज कुमार, अरविन्द कुमार, संजीव कुमार, जितेन्द्र कुमार, आरके गंगवार, संजय शर्मा, शईम अंसार, योगेन्द्र सिंह, पीके सिंह, सुधीर कुमार, गुलजीत सिंह, आदेश परमाल, सुभाष चन्द्र, सत्यप्रकाश, मुन्ना लाल, कुलवंत सिंह, नरीज कुमार, सतपाल सिंह, सचिन, बाग सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।