PM Modi Varanasi Visit: काशी और तमिलनाडु के रिश्ते प्राचीन होने के साथ ही भावनात्मक और रचनात्मक हैं। दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के रूप में आध्यात्मिक आस्थाओं से भरा है। भारत को एक बनाया है आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों ने, जिन्होंने अपनी यात्राओं से भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया। सदियों से अधीनम संत काशी की यात्रा करते रहे हैं। इन यात्राओं और तीर्थ यात्राओं के जरिए भारत हजारों साल से एक राष्ट्र के रूप में अडिग रहा है, अमर रहा है। काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) इसी एक भारत श्रेष्ठ भारत (Ek Bharat Shrestha Bharat) की भावना को मजबूत कर रहा है। ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को नमो घाट पर काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) के द्वितीय संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर कही।
तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है-
महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना: आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी pic.twitter.com/NHATofHgTI
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) December 17, 2023
इससे पहले उन्होंने प्राचीन तमिल ग्रंथों का ब्रेल भाषा में अनुवाद किये गये विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। वहीं इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस ट्रेन (Kashi Tamil Sangamam Express Train) को काशी से हरी झंडी दिखाकर कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन से रवाना किया। ये साप्ताहिक ट्रेन कन्याकुमारी से वाराणसी के बीच सीधी रेल सेवा के रूप में शुरू की गई है।
प्रधानमंत्री ने एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से पहली बार एक साथ तमिल और हिन्दी में शुरुआती तीन मिनट तक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने वणक्कम काशी, वणक्कम तमिलनाडु से अपनी बात शुरू करते हुए तमिलनाडु से वाराणसी आये लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने अतिथियों को अपना परिवार बताया और कहा कि तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना। तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच प्रेम संबंध अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम की आवाज पूरी दुनिया में जा रही है। इसके लिए सभी मंत्रालयों, यूपी सरकार और तमिलनाडु के नागरिकों को उन्होंने बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम विभिन्न वर्गों के बीच आपसी संवाद और संपर्क का प्रभावी मंच बना है। इस संगमम को सफल बनाने के लिए बीएचयू और आईआईटी मद्रास भी साथ आए हैं। आईआईटी मद्रास ने बनारस के हजारों छात्रों को मैथ्स में ऑनलाइन सपोर्ट देने के लिए विद्या शक्ति इनिशिएटिव शुरू किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की ये भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नये भवन में प्रवेश किया। नये संसद में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि हम भारतवासी एक होते हुए भी बोलियां, भाषाओं, वेशभूषा, खानपान रहन-सहन जैसी विविधता से भरे हैं। भारत की विविधता उस आध्यात्मिक चेतना में रची बसी है, जिसके लिए तमिल में कहा गया है कि हर जल गंगाजल है और भारत का हर भूभाग काशी है। जब उत्तर में आक्रांताओं द्वारा हमारी आस्था के केंद्र काशी पर आक्रमण हो रहे थे तब राजा पराक्रम पांडेयन ने तेनकाशी और शिवकाशी में यह कहकर मंदिरों का निर्माण कराया कि काशी को मिटाया नहीं जा सकता। आप दुनिया की कोई भी सभ्यता देख लीजिए। विविधता में आत्मीयता का ऐसा सहज और श्रेष्ठ स्वरूप आपको शायद ही कहीं मिलेगा। हाल ही में जी20 समिट के दौरान दुनिया भारत की इस विविधता को देखकर चकित थी।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम के जरिए देश के युवाओं में अपनी प्राचीन परंपराओं के प्रति उत्साह बढ़ा है। तमिलनाडु से बड़ी संख्या में युवा काशी आ रहे हैं। काशी तमिल संगमम में आने वाले लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री ने काशी और मदुरै का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों महान मंदिरों के शहर हैं। दोनों महान तीर्थस्थल हैं। मदुरै वैगई के तट और काशी गंगई के तट पर। तमिल साहित्य में वैगई और गंगई दोनों के बारे में लिखा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि काशी तमिल संगमम का ये संगम इसी तरह हमारी विरासत को सशक्त करता रहेगा और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत बनाता रहेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व राज्यमंत्री डॉ. एल मुरुगन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. कामाकोटि, तमिलनाडु के सामाजिक कार्यकर्ता के. अन्नामलाई आदि मौजूद रहे।
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