CJI Sanjiv Khanna: भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) ने शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में सोमवार की सुबह 10 बजे शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना, जो अब तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त हुए हैं। उनके कार्यकाल की शुरुआत के साथ, सुप्रीम कोर्ट में न सिर्फ नए न्यायिक दृष्टिकोण की उम्मीदें हैं, बल्कि उन ऐतिहासिक फैसलों को लेकर भी उम्मीदें हैं जो उन्होंने अब तक दिए हैं।

जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) का कॅरियर अत्यधिक सम्मानजनक और उल्लेखनीय रहा है। वे सुप्रीम कोर्ट में 2019 से जज के रूप में कार्य कर रहे थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण और विवादास्पद फैसले दिए। इनमें चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देना, अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त करना, और ईवीएम की पवित्रता को बनाए रखना जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का भी निर्णय लिया, जो राजनीतिक हलकों में सुर्खियों में रहा।

जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। उनका परिवार न्यायिक पृष्ठभूमि से संबंधित रहा है, उनके पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे हैं और वे सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध न्यायाधीश एच.आर. खन्ना के भतीजे हैं। जस्टिस खन्ना ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से की और बाद में वे दिल्ली हाई कोर्ट में वकील के रूप में अपनी प्रैक्टिस की शुरुआत की। उन्हें भारतीय न्यायिक प्रणाली में उनकी विशेषज्ञता और निष्पक्षता के लिए व्यापक रूप से सराहा गया है। वे राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। इस दौरान उनका नेतृत्व भारतीय न्यायपालिका में महत्वपूर्ण फैसलों और प्रक्रियाओं को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। 24 अक्टूबर को जब उनकी नियुक्ति की घोषणा हुई, तब उनके नए कार्यकाल की दिशा और इसके प्रभाव को लेकर कानूनी विशेषज्ञों और न्यायपालिका के कई सदस्यों ने उत्साह व्यक्त किया। जस्टिस खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामलों पर सुनवाई की उम्मीद की जा रही है।

यह शपथ ग्रहण समारोह जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के सफल कार्यकाल की समाप्ति के साथ हुआ। चंद्रचूड़ के मार्गदर्शन में सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम फैसले दिए थे, और उनका कार्यकाल न्यायपालिका के लिए कई दृष्टिगत मोड़ों का साक्षी रहा। अब, जस्टिस खन्ना के नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका को नई दिशा और दृष्टिकोण मिलने की उम्मीद है।

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