Gonda: गरीबों के लिए सरकारें योजनाएं बनाती रहती हैं, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को मिल पाना आज भी बड़ा सवाल बना हुआ है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं, बावजूद इसके अधिकारियों की मनमानी के चलते गरीबों को सरकारी कार्यालयों की परिक्रमा करनी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद के विकासखंड करनैलगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत शीशामऊ में मुफ्त राशन वितरण में गरीब पात्रों के साथ गंदा मजाक किया जा रहा है। यहां पात्र व्यक्ति राशन कार्ड में नाम न होने की वजह से मुफ्त राशन का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जबकि राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए महीनों से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

शीशामऊ के कोटेदार गुलाम हुसैन पर पात्रों को राशन देने में हीलाहवाली करने के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि क्षेत्र के कई ऐसे पात्र परिवार हैं, जिनके कमीशन न मिलने की वजह से राशनकार्ड को निरस्त कर दिया गया है। ऐसे परिवार के सदस्य कोटेदार और उच्च अधिकारियों के चक्कार काफी दिनों से लगा रहे हैं, पर उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। हैरत की बात यह है कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में भी फरियाद लगाने के बाद भी इन गरीब परिवारों की सुनवाई नहीं हो पा रही है।

शिकायतकर्ता संजय कुमार दुबे पुत्र विजलेश्वरी प्रसाद दुबे ने बताया कि कोटेदार ने उसका राशन कार्ड निरस्त करा दिया है। उन्होंने बताया कि कोटेदार गुलाम हुसैन दबंग किस्म का है, जो अपनी दबंगई के बल पर आज भी लोगों को मानक से कम राशन देता है। पहुंच और रसूख के चलते अधिकारी भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज करते हैं। संजय कुमार ने बताया कि कोटेदार के खिलाफ गांव के कई लोग उच्च अधिकारियों से शिकायत कर चुके है, लेकिन कार्रवाई तो दूर अभी तक उसके खिलाफ कोई जांच तक नहीं हुई। इसी ग्राम पंचायत के हरिशंकर पांडेय सहित अन्य लोगों ने भी कोटेदार पर दबंगई व मनमानी करने का आरोप लगाया है।

इसे भी पढ़ें: ऐसे दिखेगी स्वस्थ पत्रकारिता

गौरतलब है कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। लेकिन भ्रष्ट और कमिशनखोर अधिकारियों के चलते पात्र लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों के फर्जी आंकड़े का सच मानकर जहां सरकार यह मान रही है कि उसकी योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है। वहीं सरकार की योजना से जनता कितना खुश है, इसका परिणाम बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिल गया है। आरोप है कि सप्लाई इंस्पेक्टर और कोटेदार मिलकर गरीबों के राशन में घटतौली के नाम पर धाधली कर रहे हैं। इस संदर्भ में जिम्मेदार लोगों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिल सका।

इसे भी पढ़ें: फेक नेरेटिव, आग में भारत

Spread the news