लखनऊ/इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में एक कथावाचक के साथ कथित तौर पर जातिगत आधार पर किए गए दुर्व्यवहार ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। आरोप है कि दांदरपुर गांव में एक भागवत कथा के दौरान यादव समुदाय से जुड़े एक कथावाचक और उनके सहयोगी को जाति पूछने के बाद प्रताड़ित किया गया और जबरन उनका सिर मुंडवा दिया गया।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि दूसरे पक्ष ने कथावाचकों पर जाति छुपाने का आरोप लगाया है।
कथावाचक का आरोप- पूरी रात प्रताड़ित किया गया
इस पूरे मामले को लेकर पीड़ित कथावाचक ने मीडिया से कहा, “मैं पहले एक निजी स्कूल चलाता था, लेकिन सरकार की नीति के कारण स्कूल बंद हो गया। अब मैं कथा करता हूं और मुकुट मणि जी के साथ सहायक के रूप में कार्य करता हूं। हमें 21 जून से दांदरपुर गांव में भागवत कथा के लिए बुलाया गया था। पहले मेरी जाति पूछी गई और बाद में पूरी रात मुझे प्रताड़ित कर बाल मुंडवा दिए गए।
पीड़ित से मिलने पहुंचा सपा का प्रतिनिधिमंडल
घटना के बाद समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मिला और एसएसपी से मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
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लखनऊ में सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचकों को सम्मानित किया और उन्हें 21-21 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी की ओर से 51-51 हजार रुपये की मदद देने की भी घोषणा की गई। इस मौके पर उन्होंने कथावाचकों से कथा भी सुनी और सवाल उठाया कि, जब भागवत कथा सबके लिए है, तो इसे बोलने का अधिकार कुछ जातियों तक ही क्यों सीमित हो?
अखिलेश ने दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
अखिलेश यादव ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो सपा ‘पीडीए के सम्मान’ को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा, अब यह प्रभुत्ववाद और जातीय अहंकार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर नागरिक को बराबरी और सम्मान का अधिकार है।
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