नई दिल्ली: दुनिया की अग्रणी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला इंडिया (Coca-Cola India) को “जल संरक्षण के क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग” श्रेणी में राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण और संचयन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों के लिए कंपनी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके साथ ही कंपनी जल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली भारत की पहली बेवरेज कंपनी बन गई है। उल्लेखनीय है कि कोका-कोला इंडिया (Coca-Cola India) अपनी जलधारा परियोजना के माध्यम से भूजल स्तर को सुधारने, कम पानी में ज्यादा फसल उगाने और जल स्रोतों के प्रबंधन के माध्यम से किसानों की आजीविका में सुधार कर उनके जीवन में बदलाव लाने का काम कर रही है। इस परियोजना को आनंदना कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन और उसके हितधारक एसएम सहगल फाउंडेशन के माध्यम से कर्नाटक के कोलार जिले और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में संचालित किया जा रहा है।
2018 में हुई थी पुरस्कार की स्थापना
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार की स्थापना 2018 में की गई थी। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य सतत विकास, पर्यावरण प्रबंधन और जल क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने व समाज को इसके प्रति जागरूक करने वाली उत्कृष्ट कंपनियों को प्रोत्साहित करना है। इसके माध्यम से भारत सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ या ‘वाटर प्रॉस्परस इंडिया’ के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चल रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों या कंपनियों द्वारा किए जा रहे बेहतरीन कार्यों और प्रयासों को दुनिया के सामने रखा जाता है, ताकि अन्य भी प्रेरित हो सकें। इस तरह के आयोजन से आमजनों को पानी का महत्व बताने और उन्हें जल संरक्षण व प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
एमएस सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर कोका-कोला इंडिया ने जलधारा परियोजना की शुरुआत की थी। जल संकट से जूझ रहे देश के विभिन्न जिलों में भूजल स्तर को बेहतर करना ही इसका मुख्य लक्ष्य है। इसी के तहत कोका-कोला इंडिया ने कर्नाटक के कोलार जिले में कई जल संचयन के स्रोतों से गाद निकलावाने का कार्य किया। साथ ही आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में चेक डैम बनाकर जल प्रबंधन की दिशा में अभूर्तपूर्व योगदान दिया।
बेहतर भविष्य निर्माण की दिशा में समर्पण का प्रमाण
पब्लिक अफेयर्स, कम्युनिकेशंस एंड सस्टेनेबिलिटी फॉर इंडिया एंड साउथ वेस्ट एशिया की वाइस प्रेसिडेंट देवयानी राज्य लक्ष्मी राणा ने कहा कि हमें गर्व है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों की सीएसआर कैटोगरी के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग की श्रेणी में हमें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। यह सतत और समावेशी विकास के साथ एक बेहतर भविष्य निर्माण की दिशा में किए गए बेहतरीन कार्यों और हमारे समर्पण का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जल संकट से जूझ रहे भारत के जिलों में जलधारा परियोजना का परिवर्तनकारी प्रभाव दिखा है। इस परियोजना ने जल प्रबंधन के प्रति समुदायों को जागरूक करने के साथ जल संकटग्रस्त क्षेत्रों में समावेशी विकास की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डाला है।
उन्होंने कहा कि हमारी पहल के माध्यम से सार्वजनिक जल स्रोतों का संकट कम करने, प्राथमिकता वाले वाटरशेडों की देखभाल और सामुदायिक जल के प्रति समाज की भागीदारी को बढ़ाने पर केंद्रित है। हम इस परियोजना के माध्यम से अपने यहां इस्तेमाल होने वाले पानी का 200 प्रतिशत पुनर्भरण का कार्य किया। माननीय प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ के आह्वान के साथ कोका-कोला भी जुड़ा है, जिसके तहत पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने एवं पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रो-प्लैनेट पीपल (P3) दृष्टिकोण पर जोर दिया जाता है।
जनभागीदारी से संभव हुई उपलब्धि
एसएम सहगल फाउंडेशन की ट्रस्टी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अंजलि मखीजा ने कहा कि कोका-कोला इंडिया जैसी कंपनी के साथ सार्थक साझेदारी को बढ़ावा देकर, हम समुदायों के भीतर स्थायी परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं। कंपनी के साथ बदलाव के इस अभियान से जुड़कर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं। हम मिट्टी की गुणवत्ता में वृद्धि, कम पानी में ज्यादा फल की पैदावार और अनंतपुर में चेक डैम निर्माण व कोलार में जल स्रोतों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के माध्यम से भूजल स्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी जैसे प्रयास कर रहे हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हमारी प्रतिबद्धता का सुफल है। स्थानीय समुदायों की जन-भागीदारी और जल संसाधनों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने से ही यह उपलब्धि संभव हुई है।
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सीजीडब्ल्यूबी एवं सीडब्ल्यूसी की समिति ने किया मूल्यांकन
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) एवं केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की एक तकनीकी जांच समिति द्वारा जलधारा परियोजना का मूल्यांकन किया गया। इस मूल्यांकन में भूजल पुनर्भरण, जल प्रबंधन शासन, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और लाभार्थियों की संख्या सहित विभिन्न पहलुओं का आकलन किया गया। कोका-कोला इंडिया द्वारा किए जा रहे प्रयास पर्यावरण को सततता और समृद्धि प्रदान करने, प्रकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोकने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। यह पुरस्कार 30 साल पहले भारत में हमारे व्यवसाय की स्थापना के बाद से चल रहे प्रयासों के प्रति समर्पण को दिखाता है, जिसे सरकार द्वारा मान्यता दी जा रही है और स्वीकार किया जा रहा है। यह सकारात्मक बदलाव लाने और देश में सार्थक प्रभाव डालने के लिए हमारी प्रतिबद्धता और समर्पण की पुष्टि करता है।
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