Basti: सरकार भले ही स्वच्छ एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा ठोंक रही है पर जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। आनलाइन प्रक्रिया में भी भ्रष्टाचारियों ने सेंध लगाकर अपना हाथ साफ करना शुरू कर दिया है जिसके परिणाम स्वरूप बस्ती जनपद में बिना सुविधा शुल्क के गुरुजी बीमार भी नहीं हो पा रहे हैं। वहीं पूरे मामले में शिक्षकों का संगठन तमाशगीर बना हुआ है।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संगठन का इतिहास क्रान्तियों से भरा पड़ा है। एक समय था जब बेसिक शिक्षा विभाग में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का दबदबा दिखता था परन्तु जैसे-जैसे समय बीत रहा है संगठन का दबदबा गुजरे जमाने की बात बनता जा रहा है। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में खण्ड शिक्षा अधिकारियों की मनमानी के चलते भ्रष्टाचार का बोलबाला इस कदर बढ़ गया है कि शिक्षकों का मेडिकल अवकाश भी बिना सुविधा शुल्क के नहीं स्वीकृत हो रहा है।

इसे भी पढ़ें: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर vs कोलकाता नाइट राइडर्स मैच यहां देखें फ्री

भ्रष्टाचार पर प्रहार करने वाले संगठन भी धीरे-धीरे कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इसकी वजह चाहे संगठनों का निजी स्वार्थ हो या कुछ और। फिलहाल बेसिक शिक्षा परिषद में छुट्टियों की प्रक्रिया आनलाइन होने के बाद भी भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो पायी है और मेडिकल अवकाश जैसे अनिवार्य अवकाश भी बिना सुविधा शुल्क स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। यदि महानिदेशक स्तर से जनपदवार विभिन्न अवकाशों की समीक्षा की जाए तो भ्रष्टाचारी बेनकाब हो जायेंगे।

इसे भी पढ़ें: संघ, समन्वय, संवाद, सरकार और भाजपा

Spread the news